भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में राष्ट्रपति द्वारा राज्यसभा के लिए नामांकित सदस्यों की सूची हमेशा से ही देश की विविधता और प्रतिभा का बेहतरीन उदाहरण रही है। हाल ही में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने चार ऐसी शख्सियतों को राज्यसभा के लिए नामांकित किया है, जिनका योगदान अपने-अपने क्षेत्र में अनुकरणीय रहा है। आइए, जानते हैं इन नामांकनों के पीछे की कहानी और इन हस्तियों की उपलब्धियों के बारे में।
उज्ज्वल निकम
जब भी देश में न्याय और कानून व्यवस्था की बात होती है, तो उज्ज्वल निकम का नाम सम्मान के साथ लिया जाता है। वे देश के सबसे चर्चित और सफल विशेष लोक अभियोजकों में गिने जाते हैं। 26/11 मुंबई आतंकी हमले से लेकर कई हाई-प्रोफाइल आपराधिक मामलों में उन्होंने जिस निर्भीकता और तर्कशक्ति के साथ पैरवी की, उसने न्यायपालिका की गरिमा को और ऊँचा किया। उनकी कानूनी सूझबूझ और सामाजिक सरोकारों के प्रति प्रतिबद्धता ने उन्हें देशभर में एक अलग पहचान दिलाई है। राज्यसभा में उनकी उपस्थिति निश्चित रूप से विधि-व्यवस्था और न्यायिक सुधारों के क्षेत्र में नई दिशा दे सकती है।
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पूर्व विदेश सचिव
भारत की विदेश नीति को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने में पूर्व विदेश सचिव का योगदान अविस्मरणीय है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की आवाज को मजबूती से रखा और कूटनीति के हर मोर्चे पर देश का हित सर्वोपरि रखा। उनकी रणनीतिक सोच और वैश्विक दृष्टिकोण ने भारत को विश्व राजनीति में एक मजबूत खिलाड़ी के रूप में स्थापित किया। राज्यसभा में उनकी विशेषज्ञता अंतरराष्ट्रीय संबंधों, विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर बहस को और समृद्ध करेगी।
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विविधता का उत्सव
राष्ट्रपति द्वारा राज्यसभा के लिए नामांकित सदस्य हमेशा से ही देश की विविधता, संस्कृति और विशेषज्ञता का प्रतिनिधित्व करते हैं। इस बार भी नामांकित हस्तियों में कानून, विदेश नीति, समाज सेवा और संस्कृति जैसे क्षेत्रों की झलक मिलती है। यह न केवल संसद की बहस को व्यापक बनाता है, बल्कि देश के युवाओं के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनता है कि मेहनत और समर्पण से किसी भी क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर योगदान दिया जा सकता है।
लोकतंत्र की मजबूती में नामांकित सदस्यों की भूमिका
राज्यसभा में नामांकित सदस्य न केवल अपने-अपने क्षेत्र के विशेषज्ञ होते हैं, बल्कि वे संसद में विचार-विमर्श की गुणवत्ता को भी बढ़ाते हैं। उनकी उपस्थिति से संसद में विविध दृष्टिकोणों का समावेश होता है, जिससे नीतियों और कानूनों में संतुलन आता है। उज्ज्वल निकम और पूर्व विदेश सचिव जैसे अनुभवी व्यक्तित्वों की मौजूदगी संसद को और अधिक सशक्त बनाएगी।
प्रेरणा की नई मिसाल
इन नामांकनों से यह स्पष्ट होता है कि भारत में प्रतिभा और समर्पण को हमेशा सम्मान मिलता है। चाहे वह न्यायिक क्षेत्र हो, विदेश नीति हो या समाज सेवा—हर क्षेत्र के उत्कृष्ट व्यक्तियों को आगे लाने की परंपरा भारतीय लोकतंत्र की खूबसूरती है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का यह निर्णय देश के युवाओं के लिए भी एक संदेश है कि कड़ी मेहनत, ईमानदारी और देशभक्ति से कोई भी व्यक्ति राष्ट्रीय मंच तक पहुँच सकता है।