छतरपुर जिले के गढ़ा गांव में सोमवार को घटित एक दर्दनाक हादसे ने श्रद्धा की यात्रा को शोक में बदल दिया। उत्तर प्रदेश से बागेश्वर धाम के दर्शन के लिए आए श्रद्धालुओं के एक समूह पर अचानक आपदा टूट पड़ी, जब भारी बारिश के कारण एक ढाबे की दीवार गिर गई। इस हादसे में एक महिला श्रद्धालु की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 11 अन्य श्रद्धालु गंभीर रूप से घायल हो गए।
बारिश बनी अनहोनी का कारण
मौसम विभाग द्वारा पहले ही भारी बारिश की चेतावनी दी गई थी, लेकिन शायद ही किसी ने सोचा होगा कि यह बारिश किसी के लिए काल बन जाएगी। सोमवार की दोपहर, जब श्रद्धालु बागेश्वर धाम के दर्शन के बाद गढ़ा गांव के एक ढाबे में विश्राम कर रहे थे, तभी तेज बारिश के चलते ढाबे की पुरानी दीवार अचानक भरभराकर गिर पड़ी। दीवार के नीचे दबने से एक महिला की मौके पर ही मौत हो गई और अन्य श्रद्धालु गंभीर रूप से घायल हो गए।
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उत्तर प्रदेश से आए थे सभी श्रद्धालु
इस हादसे में जान गंवाने वाली महिला और सभी घायल श्रद्धालु उत्तर प्रदेश के निवासी हैं। वे बागेश्वर धाम के प्रसिद्ध मंदिर में दर्शन के लिए छतरपुर आए थे। श्रद्धालुओं के लिए यह यात्रा आस्था का पर्व थी, लेकिन अचानक आई इस विपदा ने सब कुछ बदल दिया। हादसे के बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गई और स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस व प्रशासन को सूचना दी।
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पुलिस और प्रशासन की त्वरित कार्रवाई
घटना की जानकारी मिलते ही बमीठा थाना पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने स्थानीय लोगों की मदद से मलबे में दबे सभी श्रद्धालुओं को बाहर निकाला। मृत महिला के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया, जबकि घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। जिला अस्पताल में सभी घायलों का इलाज जारी है और डॉक्टरों की एक टीम लगातार उनकी निगरानी कर रही है।
अस्पताल में घायलों का इलाज, परिजनों की चिंता
जिला अस्पताल में भर्ती घायल श्रद्धालुओं की हालत को लेकर उनके परिजन बेहद चिंतित हैं। डॉक्टरों के अनुसार, कुछ घायलों की हालत गंभीर बनी हुई है, जबकि अन्य की स्थिति स्थिर है। प्रशासन ने घायलों के इलाज के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की हैं और जिला कलेक्टर ने स्वयं अस्पताल पहुंचकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया।
हादसे के बाद गांव में मातम
गढ़ा गांव में हादसे के बाद शोक की लहर है। स्थानीय लोग और प्रशासनिक अधिकारी भी इस घटना से स्तब्ध हैं। गांव के लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि ढाबों और सार्वजनिक स्थलों की सुरक्षा की नियमित जांच की जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके। हादसे के बाद प्रशासन ने क्षेत्र के सभी पुराने ढाबों और इमारतों की जांच के निर्देश दिए हैं।
श्रद्धा और सुरक्षा
यह घटना एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करती है कि धार्मिक यात्राओं और भीड़-भाड़ वाले आयोजनों में सुरक्षा मानकों का पालन कितना जरूरी है। श्रद्धालु दूर-दूर से आस्था के साथ आते हैं, लेकिन यदि बुनियादी सुरक्षा इंतजाम न हों तो ऐसी यात्राएं जानलेवा भी साबित हो सकती हैं। प्रशासन और समाज दोनों की जिम्मेदारी है कि ऐसे स्थलों पर नियमित रूप से सुरक्षा की समीक्षा हो।
प्रशासन की अपील और राहत कार्य
प्रशासन ने हादसे के बाद सभी श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों से अपील की है कि वे बारिश के मौसम में पुराने और जर्जर भवनों के आसपास सतर्क रहें। साथ ही, प्रशासन ने घायलों के इलाज और मृतका के परिजनों को हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया है। राहत कार्य में जुटी टीमों ने मलबा हटाने और क्षेत्र की सफाई का कार्य भी शुरू कर दिया है।