विवाद के बाद पीडब्ल्यूडी पुल की डिजाइन में बदलाव पर विचार कर रहा इंदौर के पोलोग्राउंड क्षेत्र में बन रहा Z आकार का रेलवे ओवरब्रिज इन दिनों शहर और सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है। इस पुल की सबसे बड़ी खासियत है कि इसमें दो-दो 90 डिग्री के तीखे मोड़ हैं, जो इसे बाकी पुलों से बिल्कुल अलग बनाते हैं। पुल की तस्वीरें सामने आते ही यह सोशल मीडिया पर वायरल हो गई हैं और लोग इस पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
Indore Z-shaped bridge –इंजीनियरिंग का नया प्रयोग या ट्रैफिक के लिए चुनौती?
इस अनोखी डिजाइन को लेकर विशेषज्ञों और आम नागरिकों के बीच चर्चा जारी है। कुछ लोगों का मानना है कि दो तीखे मोड़ों के कारण यहां ट्रैफिक को परेशानी हो सकती है और दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ सकती है। वहीं, कई लोग इसे सीमित स्थान में बेहतर कनेक्टिविटी के लिए इंजीनियरिंग का अच्छा उदाहरण मान रहे हैं।

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राजनीतिक बयानबाजी और प्रशासन की सफाई
पुल की डिजाइन को लेकर राजनीति भी गरमा गई है। विपक्ष ने इसे खराब योजना का उदाहरण बताया है, जबकि प्रशासन का कहना है कि पुल का निर्माण सभी तकनीकी मानकों और सुरक्षा नियमों के अनुसार किया जा रहा है। अधिकारियों ने यह भी बताया है कि पुल की डिजाइन की दोबारा जांच कराई जा रही है और जरूरत पड़ी तो उसमें सुधार किया जाएगा।
Indore Z-shaped bridge – पुल की तकनीकी विशेषताएं
यह रेलवे ओवरब्रिज लगभग 1027.60 मीटर लंबा और 12 मीटर चौड़ा है। यह पुल पोलोग्राउंड, लक्ष्मीबाई नगर स्टेशन और भागीरथपुरा को जोड़ने के लिए बनाया जा रहा है। इसमें कुल पांच मोड़ हैं, जिनमें दो तीखे 90 डिग्री के मोड़ शामिल हैं। अधिकारियों के अनुसार, सभी मोड़ भारतीय रोड कांग्रेस के मानकों के अनुसार बनाए गए हैं।
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स्थानीय लोगों की चिंता
स्थानीय लोगों और औद्योगिक क्षेत्र के ट्रक चालकों ने पुल की डिजाइन को लेकर चिंता जताई है। उनका कहना है कि तीखे मोड़ों के कारण भारी वाहनों को पुल पार करने में दिक्कत हो सकती है और दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ सकता है। प्रशासन ने भरोसा दिलाया है कि पुल का निर्माण पूरी सुरक्षा और गुणवत्ता के साथ किया जा रहा है।