पश्चिम बंगाल की प्रतिष्ठित विद्यासागर यूनिवर्सिटी इन दिनों एक बड़े विवाद के केंद्र में है। यहां इतिहास के छठे सेमेस्टर के पेपर में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को आतंकवादी कहे जाने से राजनीतिक और सामाजिक हलकों में जबरदस्त नाराजगी देखी जा रही है। इस घटना ने न केवल राज्य बल्कि पूरे देश में शिक्षा व्यवस्था और ऐतिहासिक तथ्यों की प्रस्तुति को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
प्रश्न पत्र में विवादित सवाल, सोशल मीडिया पर वायरल
विद्यासागर यूनिवर्सिटी की स्नातक स्तर की परीक्षा के इतिहास विषय के छठे सेमेस्टर के प्रश्न पत्र में एक सवाल ने विवाद खड़ा कर दिया। प्रश्न में पूछा गया था, “मिदनापुर के उन तीन जिलाधिकारियों के नाम बताइए, जिनकी आतंकवादियों ने हत्या की थी?” इस सवाल में जिन लोगों को ‘आतंकवादी’ कहा गया, वे दरअसल भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान सेनानी थे। जैसे ही यह प्रश्न पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, बंगाल भाजपा सहित कई संगठनों ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी और इसे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अपमान के रूप में देखा।

भाजपा ने ममता सरकार पर साधा निशाना
इस विवाद के बाद पश्चिम बंगाल भाजपा ने राज्य सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन पर हमला बोला है। भाजपा नेताओं का कहना है कि राज्य में शिक्षा के नाम पर बच्चों को गलत इतिहास पढ़ाया जा रहा है और स्वतंत्रता सेनानियों की छवि धूमिल की जा रही है। भाजपा की बंगाल यूनिट ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर प्रश्न पत्र की फोटो साझा करते हुए लिखा, “अब बंगाल में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आतंकवादी हो गए।
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Bengal university- कुलपति ने माफी मांगी, जिम्मेदारों पर कार्रवाई
विवाद बढ़ने के बाद विद्यासागर यूनिवर्सिटी के कुलपति दीपक कुमार ने सामने आकर सफाई दी। उन्होंने कहा कि यह एक प्रिंटिंग मिस्टेक थी और इसका मकसद किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था। कुलपति ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगी और भरोसा दिलाया कि आगे से ऐसी गलती दोबारा नहीं होगी। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इस विवादित सवाल के लिए जिम्मेदार अधिकारियों और दो प्रोफेसरों को उनके पद से हटा दिया है।
छात्रों, शिक्षकों और समाज में गुस्सा
इस घटना के बाद छात्रों और शिक्षकों में भी नाराजगी देखी जा रही है। कई छात्रों ने कहा कि ऐसे सवाल न केवल स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान हैं, बल्कि युवाओं के मन में भी ऐतिहासिक तथ्यों को लेकर भ्रम पैदा करते हैं। शिक्षकों का मानना है कि प्रश्न पत्र तैयार करते समय अधिक सतर्कता बरतनी चाहिए