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MP news- MP के भूखे अधिकारी , 1 घंटे में 13 किलो ड्राई फ्रूट्स खा गये और कुल बिल 19 हजार बना ?

By: विकाश विश्वकर्मा

On: Friday, July 11, 2025 11:41 AM

Shahdol village meeting excessive food bill news
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मध्य प्रदेश के शहडोल जिले के भदवाही ग्राम पंचायत में जल संरक्षण चौपाल के नाम पर आयोजित सरकारी कार्यक्रम में अफसरों की मेहमाननवाजी अब विवाद का विषय बन गई है। जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत आयोजित इस कार्यक्रम में अफसरों और अधिकारियों के लिए 13 किलो ड्राई फ्रूट्स, 6 लीटर दूध और 5 किलो शक्कर का इंतजाम किया गया, जिसका कुल बिल 19 हजार रुपये बना। यह बिल सोशल मीडिया पर वायरल होते ही प्रशासनिक पारदर्शिता और सरकारी खर्चों को लेकर तीखी बहस शुरू हो गई है।

MP news- एक घंटे में 13 किलो ड्राई फ्रूट्स, 6 लीटर दूध की चाय

सूत्रों के अनुसार, चौपाल के दौरान अफसरों के लिए 5-5 किलो काजू-बादाम, 3 किलो किशमिश, 30 किलो नमकीन, 20 पैकेट बिस्किट, 6 लीटर दूध, 5 किलो शक्कर और 2 किलो घी का इंतजाम किया गया था। महज एक घंटे के कार्यक्रम में इन सभी वस्तुओं का सेवन कर लिया गया। ग्राम पंचायत के रजिस्टर में दर्ज खर्चे चौंकाने वाले हैं। जानकारों का कहना है कि बिल में दर्शाई गई सामग्री की कीमतें बाजार दर से काफी अधिक हैं, जिससे फर्जी बिलिंग की आशंका भी जताई जा रही है।

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Shahdol dry fruits and milk bill viral on social media

सोशल मीडिया पर वायरल बिल, जनता में नाराजगी

जैसे ही इस दावत का बिल सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, लोगों ने अफसरों की इस मेहमाननवाजी पर सवाल उठाने शुरू कर दिए। कई लोगों ने तंज कसते हुए लिखा कि जल संरक्षण के नाम पर ड्राई फ्रूट्स की बारिश हो गई। स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों ने सरकारी पैसे की फिजूलखर्ची पर नाराजगी जताई है। ग्रामीणों का कहना है कि जब गांव में पानी की किल्लत है, तब अफसरों की दावत जनता के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा है।

प्रशासन की सफाई और जांच के आदेश

मामला तूल पकड़ने के बाद जिला पंचायत प्रभारी अधिकारी ने सफाई दी कि कार्यक्रम में चाय-नाश्ते की व्यवस्था जरूर थी, लेकिन काजू-बादाम जैसे महंगे आइटम्स के बिल उनके संज्ञान में पहली बार आए हैं और मामले की जांच कराई जाएगी। प्रशासन ने कहा है कि यदि फर्जी बिलिंग या अनावश्यक खर्च पाया गया तो संबंधित कर्मियों पर कार्रवाई की जाएगी।

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सरकारी खर्चों पर पारदर्शिता को लेकर बहस

इस घटना ने सरकारी खर्चों की पारदर्शिता और जवाबदेही को लेकर एक बार फिर बहस छेड़ दी है। जल संरक्षण जैसे गंभीर विषय पर चर्चा के दौरान अफसरों की दावत और उस पर आया भारी-भरकम बिल प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है। सोशल मीडिया पर मीम्स और बहस जारी है, वहीं प्रशासन जांच के बाद आगे की कार्रवाई की बात कर रहा है।

विकाश विश्वकर्मा

नमस्कार! मैं विकाश विश्वकर्मा हूँ, एक फ्रीलांस लेखक और ब्लॉगर। मेरी रुचि विभिन्न विषयों पर लिखने में है, जैसे कि प्रौद्योगिकी, यात्रा, और जीवनशैली। मैं अपने पाठकों को आकर्षक और जानकारीपूर्ण सामग्री प्रदान करने का प्रयास करता हूँ। मेरे लेखन में अनुभव और ज्ञान का मिश्रण होता है, जो पाठकों को नई दृष्टि और विचार प्रदान करता है। मुझे उम्मीद है कि मेरी सामग्री आपके लिए उपयोगी और रोचक होगी।
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