तेलंगाना के कुकटपल्ली इलाके में बीते कुछ दिनों से एक अदृश्य खतरा मंडरा रहा था, जिसका असर अब पूरे राज्य में महसूस किया जा रहा है। छह और सात जुलाई को कुकटपल्ली और आसपास के इलाकों में कई लोगों ने ताड़ी का सेवन किया, लेकिन किसी को अंदाजा नहीं था कि यह पेय उनके जीवन के लिए घातक साबित हो सकता है। देखते ही देखते, उल्टी, दस्त और बेहोशी की शिकायतें तेज़ हो गईं और अस्पतालों में भीड़ बढ़ने लगी। गुरुवार तक मरने वालों की संख्या सात हो चुकी थी, जबकि 51 लोग अलग-अलग अस्पतालों में जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं।
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अस्पतालों में हाहाकार
बीमार पड़े लोगों में से 36 का इलाज निजाम आयुर्विज्ञान संस्थान (NIMS) में, 11 का गांधी अस्पताल में और चार का अन्य अस्पतालों में चल रहा है। डॉक्टरों के मुताबिक, कई मरीजों की हालत बेहद नाजुक है। तेलंगाना के स्वास्थ्य मंत्री सी दामोदर राजनरसिम्हा ने स्वयं NIMS का दौरा कर चिकित्सकों से मरीजों की स्थिति की जानकारी ली और निर्देश दिए कि हर पीड़ित को सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधा मिले।
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जांच में खुलासा
जैसे ही बीमारी के मामले बढ़े, आबकारी विभाग ने सक्रियता दिखाई। बालानगर आबकारी स्टेशन के अधिकारियों ने हैदरनगर, एचएमटी कॉलोनी, सरदार पटेल नगर और भाग्यनगर की ताड़ी दुकानों से नमूने एकत्र किए। नारायणगुडा में कराए गए लैब टेस्ट में तीन स्थानों की ताड़ी में अल्प्राजोलम शक्तिशाली मनोविकार नाशक दवा की पुष्टि हुई। यह वही रसायन है, जो नींद की गोलियों और मानसिक रोगों की दवाओं में पाया जाता है, और बड़ी मात्रा में सेवन करने पर जानलेवा साबित हो सकता है।
अपराधियों की तलाश
जांच के दौरान पुलिस ने दूषित ताड़ी की आपूर्ति और बिक्री में शामिल चार लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों में दो दुकान प्रबंधक—कूना रवि तेजा गौड़ (29) और कूना साई तेजा गौड़ (31)और दो विक्रेता—चेट्टुकिंदी नागेश गौड़ (51) और बत्ती श्रीनिवास गौड़ (39)शामिल हैं। सरदार पटेल नगर ताड़ी दुकान का कर्मचारी तेगला रविंदर अब भी फरार है। आबकारी विभाग ने संबंधित दुकानों के लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिए हैं।
पीड़ितों की दास्तां
साईचरण कॉलोनी की एक सफाई कर्मचारी, जो इंद्रानगर-बी की दुकान से नियमित रूप से ताड़ी पीती थीं, अचानक बीमार पड़ीं। उल्टी और दस्त की शिकायत के बाद उन्हें ईएसआई अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां गुरुवार को उनकी मौत हो गई। ऐसी कहानियां कुकटपल्ली और आसपास के इलाकों में आम हो गई हैं हर परिवार में डर, शंका और शोक का माहौल है।
सरकारी आंकड़ों में उलझन
मृतकों की आधिकारिक संख्या को लेकर भी भ्रम की स्थिति बनी हुई है। मंगलवार के बाद अधिकारियों ने पांच मृतकों की औपचारिक सूची जारी की, जबकि एचएमटी कॉलोनी के चकालीबोज्जय्या (55), जिनकी मौत सोमवार को हुई, उन्हें इस गिनती में शामिल नहीं किया गया। वजह यह बताई गई कि उनकी मृत्यु मामले के सार्वजनिक होने से पहले हो गई थी। इससे पीड़ित परिवारों की पीड़ा और बढ़ गई है, क्योंकि वे न्याय और मुआवजे की उम्मीद में सरकारी आंकड़ों के फेर में फंसे हैं।
जन स्वास्थ्य चेतावनी
सरकार और स्वास्थ्य विभाग ने जनता से अपील की है कि वे अनधिकृत दुकानों से ताड़ी का सेवन न करें। अधिकारियों ने भरोसा दिलाया है कि उपभोग्य वस्तुओं में जहरीले रसायन मिलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। आबकारी विभाग की टीमें लगातार छापेमारी कर रही हैं और संदिग्ध दुकानों के लाइसेंस रद्द किए जा रहे हैं।
प्रशासन की सक्रियता
स्वास्थ्य मंत्री के दौरे के बाद प्रशासन और भी सतर्क हो गया है। सभी अस्पतालों को निर्देश दिए गए हैं कि पीड़ितों के इलाज में कोई कमी न रहे। साथ ही, आबकारी विभाग और पुलिस की संयुक्त टीमें दोषियों की तलाश में जुटी हैं। फरार आरोपी की गिरफ्तारी के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है।
सामाजिक चिंता
इस घटना ने पूरे राज्य को झकझोर दिया है। सवाल उठ रहे हैं कि आखिर ताड़ी जैसी पारंपरिक पेय में जहरीली दवा कैसे मिलाई गई? क्या यह सिर्फ मुनाफाखोरी की लालच थी या इसके पीछे कोई बड़ी साजिश है? प्रशासन के लिए यह एक चेतावनी भी है कि खाद्य और पेय पदार्थों की गुणवत्ता पर निगरानी और कड़ी होनी चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदी दोहराई न जाए।
सबक और सवाल
तेलंगाना के कुकटपल्ली में मिलावटी ताड़ी से हुई मौतें न सिर्फ एक दर्दनाक हादसा हैं, बल्कि यह समाज, प्रशासन और कानून-व्यवस्था के लिए एक बड़ी चुनौती भी हैं। हर नागरिक के लिए यह जरूरी है कि वह जागरूक रहे, संदिग्ध दुकानों से दूर रहे और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत प्रशासन को दे। प्रशासन की जिम्मेदारी है कि दोषियों को सख्त सजा दिलाए और पीड़ित परिवारों को न्याय और सहायता उपलब्ध कराए।