सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड के आरोपी शाहबाज अंसारी एक बार फिर सुर्खियों में हैं। फरवरी 2023 में उन्हें अपनी गर्भवती पत्नी की सर्जरी के लिए पांच दिन की अंतरिम जमानत मिली थी। कोर्ट ने यह राहत मानवीय आधार पर दी थी, लेकिन जमानत मिलते ही अंसारी का मोबाइल फोन बंद हो गया और वह अपनी लोकेशन राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को नहीं दे सका। यह पहली बार नहीं है जब अंसारी ने जमानत की शर्तों का उल्लंघन किया है। इससे पहले भी उस पर जमानत के बाद फरार होने और फर्जी दस्तावेज़ देने के आरोप लग चुके हैं।
जमानत प्रक्रिया में फर्जीवाड़ा, अस्पताल का नाम भी सवालों में
अंसारी ने जमानत के लिए गाजियाबाद के जिस एमएमजी अस्पताल का हवाला दिया था, वहां ऐसी सर्जरी होती ही नहीं। एनआईए की जांच में यह तथ्य सामने आया कि जमानत के लिए दिए गए फोन नंबर असम के एक व्यक्ति के नाम पर रजिस्टर्ड थे। जमानतदार ने भी कथित तौर पर पैसे लेकर यह जिम्मेदारी निभाई थी। इन खुलासों के बाद एनआईए ने कोर्ट में याचिका दायर कर अंसारी की जमानत रद्द करवा दी। कोर्ट ने 8 जुलाई को जमानत रद्द कर दी, लेकिन अंसारी कोर्ट में हाजिर नहीं हुआ।
कोर्ट और एजेंसियों की सख्ती, तलाश जारी
अंसारी के वकील अमित श्रीवास्तव ने कोर्ट को बताया कि उन्हें भी अपने मुवक्किल के ठिकाने की कोई जानकारी नहीं है। कोर्ट द्वारा भेजे गए नोटिस का भी अंसारी ने कोई जवाब नहीं दिया। एनआईए और अन्य सुरक्षा एजेंसियां अब उसकी तलाश में संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही हैं। एजेंसियों का मानना है कि अंसारी के लगातार जमानत शर्तों के उल्लंघन और फरार होने से मामले की गंभीरता और बढ़ गई है।
MP monsoon updates- मध्यप्रदेश में भारी बारिश, कई जिलों में बाढ़ और बिजली गिरने की चेतावनी!
लगातार बढ़ती मुश्किलें, जांच एजेंसियों का शिकंजा
शाहबाज अंसारी पर सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई को हथियार और गोला-बारूद पहुंचाने का आरोप है। उसे दिसंबर 2022 में गिरफ्तार किया गया था। अब जमानत शर्तों के उल्लंघन के चलते उसकी मुश्किलें और बढ़ गई हैं। एनआईए समेत तमाम एजेंसियां उसकी गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दे रही हैं और कोर्ट ने भी इस मामले में सख्त रुख अपना लिया है।