वैज्ञानिकों ने जानकारी दी है कि आज, यानी 15 जुलाई को एक विशालकाय एस्टेरॉयड पृथ्वी के पास से गुजरने वाला है। लगभग 280 फीट चौड़ा यह पिंड आकार में किसी 20 मंजिला इमारत जितना बड़ा है। इसे ‘2025 MA90’ नाम दिया गया है। इस एस्टेरॉयड की रफ्तार करीब 32,600 किलोमीटर प्रति घंटा आँकी गई है, जो किसी भी अंतरिक्षीय पिंड के लिए अत्यधिक तेज मानी जाती है।
नजदीकी लेकिन सुरक्षित दूरी से होगा गुजर
अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने स्पष्ट किया है कि यह एस्टेरॉयड पृथ्वी से करीब 40 लाख किलोमीटर दूर से गुजरेगा। यह दूरी भले ही खगोलीय दृष्टिकोण से कम मानी जाती है, लेकिन आम नागरिकों के लिए इससे किसी भी प्रकार का कोई सीधा खतरा नहीं है। वैज्ञानिक परंपरागत तरीके से इसकी गति, दिशा और प्रभाव की निगरानी कर रहे हैं ताकि किसी भी संभावित गतिशीलता को ट्रैक किया जा सके।
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ग्रह सुरक्षा के प्रयासों पर होगा असर
यह घटनाक्रम अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के लिए एक सीख और अभ्यास का विषय है। ऐसे खगोलीय पिंडों की निगरानी करना, आने वाले समय में संभावित टकरावों के प्रति अग्रिम तैयारी का हिस्सा होता है। दुनिया की कई स्पेस एजेंसियां इस दिशा में संयुक्त रूप से प्रयास कर रही हैं। भारत की एजेंसी ने भी हाल ही में अपने ग्रह सुरक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत निगरानी और विश्लेषणों को बढ़ाया है।
वैज्ञानिक अध्ययन के लिए बढ़िया अवसर
इस एस्टेरॉयड के पृथ्वी के नजदीक से गुज़रने से वैज्ञानिकों को उसकी संरचना, गति और दिशा का विश्लेषण करने का सुनहरा अवसर मिलेगा। ऐसे खगोलीय घटनाएं असाधारण मानी जाती हैं, जो शोध और खगोल विज्ञान की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण होती हैं। विशेष टेलीस्कोप और डेटा सिस्टम के माध्यम से इसकी प्रत्येक गतिविधि पर नजर रखी जा रही है।