मध्य प्रदेश के ग्वालियर चंबल संभाग में प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना में बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी का पर्दाफाश हुआ है। इसमें लगभग 20 करोड़ रुपये के फर्जी क्लेम सामने आए हैं। यह योजना गरीब और मध्यम वर्गीय लोगों के लिए जीवन सुरक्षा प्रदान करती है, लेकिन यहां एक संगठित गिरोह ने इसे ठगी का जरिया बना लिया।
फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र बनाकर हड़पी राशि
आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) की जांच में पता चला है कि गिरोह ने मौत के झूठे प्रमाणपत्र बनवाकर जीवित लोगों को मृत और मृत लोगों को पहले जीवित फिर मृत दर्शाकर कई फर्जी बीमा दावे दायर किए। इस चालाकी से अनेक लोगों ने इस योजना के तहत दो लाख रुपये हर दावे के हिसाब से हड़प लिए। जांच के दौरान अब तक 1004 संदिग्ध क्लेम का खुलासा हुआ है, जिनमें ज्यादातर फर्जी पाए गए हैं। यह घोटाला पंचायत सचिवों, बीमा कंपनी के कर्मचारियों और अन्य लोगों की मिलीभगत से संचालित हुआ।
सरकारी जांच एजेंसियों की तेज कार्रवाई
EOW ने इस घोटाले को गंभीरता से लेते हुए 14 से अधिक लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। जांचकर्ता सभी जिलों में संदिग्ध क्लेम की जांच कर रहे हैं, और अभी भी अन्य बीमा कंपनियों से क्लेम रिकॉर्ड प्राप्त किए जा रहे हैं। गिरोह ने बीमा राशि निकालने के लिए बैंक खाते भी खुलवाए और एटीएम, पासबुक से रकम निकाली। यह फर्जीवाड़ा चार वर्षों से जारी था, जिसमें ग्वालियर, भिंड, मुरैना जैसे जिले शामिल हैं।
पीड़ितों के लिए सरकारी सुरक्षा योजना का शोषण
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत मात्र 436 रुपये वार्षिक प्रीमियम देकर दो लाख रुपये का जीवन बीमा सुरक्षा प्रदान की जाती है। इस योजना का उद्देश्य गरीबों की आर्थिक सहायता करना है, लेकिन ग्वालियर-चंबल के इस मामले ने योजना की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस फर्जीवाड़े से बहुसंख्यक ग्रामीण गरीब वर्ग प्रभावित हुए हैं, जिनके नाम पर यह क्लेम किए गए।