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Electoral Officer notice to Rahul Gandhi- निर्वाचन अधिकारी ने राहुल गांधी को 10 दिन में शपथपत्र जमा करने का आदेश दिया|

By: विकाश विश्वकर्मा

On: Sunday, August 10, 2025 11:59 PM

Electoral Officer notice to Rahul Gandhi
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कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी से आदेश दिया है कि वे अपनी वोटर फर्जीवाड़े के आरोपों के समर्थन में डाक्यूमेंट्स के साथ 10 दिनों के भीतर साइन किया हुआ शपथपत्र जमा करें। यह कार्रवाई जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 और निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण नियम, 1960 के तहत की जाएगी।

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शपथपत्र की मांग का कानूनी आधार

निर्वाचन अधिकारियों ने राहुल गांधी को इस शपथपत्र की मांग इसलिए की है ताकि उनके आरोपों की जांच का औपचारिक और वैधानिक रास्ता सुनिश्चित हो सके। जनप्रतिनिधित्व अधिनियम और 1960 के नियमों के तहत जब कोई व्यक्ति वोटर लिस्ट की गड़बड़ी जैसे गंभीर आरोप लगाता है, तो उस व्यक्ति को तथ्यों के समर्थन में साक्ष्य प्रस्तुत करने होते हैं, जिनमें साइन किया हुआ शपथपत्र भी शामिल होता है। यह प्रक्रिया जांच की पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखने के लिए जरूरी मानी जाती है।

राहुल गांधी द्वारा लगाए गए वोट चोरी के आरोप

राहुल गांधी ने कर्नाटक के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र की वोटर लिस्ट में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी के आरोप लगाए थे। उन्होंने दावा किया कि एक मतदाता शकुन रानी ने दो बार मतदान किया, और हजारों डुप्लीकेट नाम, फर्जी और अमान्य पते वोटर लिस्ट में शामिल किए गए हैं। उन्होंने इन आरोपों के समर्थन में कुछ दस्तावेज भी सार्वजनिक रूप से प्रस्तुत किए थे, जिन्हें चुनाव आयोग ने विवादास्पद बताया।

प्रारंभिक जांच और दस्तावेजों की सत्यता पर सवाल

मुख्य निर्वाचन अधिकारी की प्रारंभिक जांच में यह पाया गया कि राहुल गांधी द्वारा प्रस्तुत किए गए कुछ दस्तावेज मतदान अधिकारियों द्वारा जारी नहीं किए गए थे। शकुन रानी ने भी इस आरोप को खारिज किया कि उसने दो बार वोट दिया हो। इस आधार पर अधिकारियों ने कहा है कि आरोपों की सत्यता के लिए प्रमाणिक और स्वीकृत दस्तावेजों की जरूरत है, जिनके लिए शपथपत्र की मांग की गई है।

चुनाव आयोग की कार्रवाई और राजनीतिक प्रतिक्रिया

चुनाव आयोग ने अपनी विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए स्पष्ट किया है कि यदि राहुल गांधी उचित दस्तावेज और शपथपत्र नहीं देते हैं, तो उनके आरोपों को निराधार माना जाएगा। राजनीतिक स्तर पर इस मामले ने हलचल मचा दी है, जिसमें सत्ताधारी और विपक्षी दलों ने एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए हैं। कांग्रेस ने आरोपों को लोकतंत्र की रक्षा के रूप में पेश किया है, जबकि भाजपा ने आयोग की प्रक्रिया का समर्थन किया है।

विकाश विश्वकर्मा

नमस्कार! मैं विकाश विश्वकर्मा हूँ, एक फ्रीलांस लेखक और ब्लॉगर। मेरी रुचि विभिन्न विषयों पर लिखने में है, जैसे कि प्रौद्योगिकी, यात्रा, और जीवनशैली। मैं अपने पाठकों को आकर्षक और जानकारीपूर्ण सामग्री प्रदान करने का प्रयास करता हूँ। मेरे लेखन में अनुभव और ज्ञान का मिश्रण होता है, जो पाठकों को नई दृष्टि और विचार प्रदान करता है। मुझे उम्मीद है कि मेरी सामग्री आपके लिए उपयोगी और रोचक होगी।
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