भोपाल: मध्य प्रदेश सरकार की मंत्रिपरिषद ने मंगलवार को कई अहम फैसले लिए, जिनमें सबसे महत्वपूर्ण है नगर पालिकाओं और नगर परिषदों के अध्यक्ष पद के लिए प्रत्यक्ष चुनाव कराने का निर्णय। इस फैसले के तहत अब नागरिक सीधे अपने प्रतिनिधि का चुनाव करेंगे, जिससे स्थानीय शासन व्यवस्था में पारदर्शिता और लोकतंत्र को बढ़ावा मिलेगा।
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नगरपालिका अधिनियम में संशोधन का मामला
मंत्रिपरिषद ने मध्य प्रदेश नगरपालिका अधिनियम, 1961 में ऐसा संशोधन करने का निर्णय लिया है, जिससे नगरपालिका अध्यक्ष पद के चुनाव सीधे मतदाताओं द्वारा होंगे। वर्तमान में इस पद के लिए नगर निगम या परिषद के निर्वाचित पार्षद स्वयं अध्यक्ष चुनते थे, लेकिन इस बार यह प्रक्रिया बदलने का प्रस्ताव है।
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सीधे चुनाव की प्रणाली का इतिहास और परिस्थितियाँ
साल 2015 तक मध्य प्रदेश के सभी शहरी निकायों के अध्यक्षों का चुनाव सीधे जनता करती थी। पर 2018 में उस व्यवस्था में बदलाव हुआ और सांसद या पार्षदों के मत से अध्यक्ष चुने जाने लगे। कोविड-19 महामारी के कारण 2019 में चुनाव नहीं हो पाए, और 2022 में भी यह व्यवस्था अस्तित्व में रही। अब 2027 के चुनाव से इसे फिर से बदला जाएगा।
 
 
 







