Barren Island volcano eruption September 2025 India-भारत का इकलौता सक्रिय ज्वालामुखी बैरन आइलैंड में दो बार नई गतिविधि के साथ उभरा है। सितंबर 2025 के पहले तीन हफ्तों में इस ज्वालामुखी ने दो बार धमाके किए, जिनकी तीव्रता मध्यम रही। यह ज्वालामुखी दक्षिण एशिया का भी अकेला सक्रिय ज्वालामुखी माना जाता है। यह द्वीप अंडमान सागर में स्थित है, जो अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह के मुख्य शहर पोर्ट ब्लेयर से लगभग 140 किलोमीटर दूर है। इस द्वीप में लोग नहीं रहते और यह भारतीय और बर्मी प्लेटों के जंक्शन पर स्थित है, इसलिए यहां ज्वालामुखीय गतिविधि होती रहती है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, इस द्वीप पर आखिरी बार जल संग्रह जनवरी 2022 में हुआ था।
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बैरन आइलैंड का भौगोलिक महत्व और इतिहास
बैरन आइलैंड लगभग तीन वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला हुआ है और यह अधिकांशतः राख और ज्वालामुखीय शंकुओ से ढंका हुआ है। इसका ऊंचाई लगभग 354 मीटर है। यह ज्वालामुखी लगभग 1.6 मिलियन वर्ष पुराना है और इसे स्टैट्रोवोल्केनो (stratovolcano) माना जाता है। इस ज्वालामुखी में अतीत में कई बार कम तीव्रता के धमाके हो चुके हैं, जिनमें 1991, 2005, 2017 तथा 2022 के विस्फोट प्रमुख रहे। 1787 में इसे पहला विस्फोट दर्ज किया गया था। वैज्ञानिकों के अनुसार यह ज्वालामुखी भारतीय प्लेट के बर्मी प्लेट के नीचे दबने से बना है, और यह सुमात्रा से म्यांमार तक फैले ज्वालामुखीय चेन का हिस्सा है। इस द्वीप का पश्चिमी हिस्सा समुद्र की ओर खुला है, जिससे यहां ज्वालामुखीय गतिशीलता व जीववैज्ञानिक विविधता का अद्भुत मेल देखने को मिलता है।
 
 
 







