मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की मूर्ति को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। यह विवाद मई 2025 में शुरू हुआ, जब हाईकोर्ट परिसर में मूर्ति लगाने को लेकर वकीलों के दो गुटों के बीच मतभेद उत्पन्न हुआ। एक पक्ष मूर्ति लगवाने के पक्ष में है, जबकि दूसरा इसका विरोध कर रहा है। विवाद के कारण मूर्ति को दूसरी जगह स्थानांतरित भी करना पड़ा था। विवाद सोशल मीडिया तक फैल गया है, जहां विभिन्न सामाजिक और राजनीतिक संगठनों के बीच भिड़ंत देखने को मिली है।
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दलित संगठनों का प्रदर्शन और आंदोलन की चेतावनी
दलित संगठनों ने 15 अक्टूबर 2025 को बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है। इस चेतावनी के बाद प्रशासन और पुलिस ने सतर्कता बरती है। दलित समूहों का कहना है कि बाबा साहब की मूर्ति स्थापित करना सामाजिक न्याय और संवैधानिक मूल्यों की रक्षा का मामला है। वहीं, वकीलों के एक गुट ने मूर्ति की जगह पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने की मांग की है। कई दलित संगठनों ने इस विवाद में पूर्व मंत्री और स्थानीय नेताओं के साथ समर्थन दिया है। राजनीतिक दल कांग्रेस ने भी इस मुद्दे को उठाते हुए प्रदर्शन और भूख हड़ताल की योजना बनाई है।
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पुलिस और प्रशासन की तैयारी
15 अक्टूबर के आंदोलन को लेकर ग्वालियर पुलिस पूरी तरह से अलर्ट पर है। पुलिस ने धारा 163 लागू कर दी है, जिसके तहत बिना अनुमति कोई भी सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जा सकता। पुलिस ने सामाजिक द्वेष फैलाने वाली 160 से अधिक पोस्ट हटा दी हैं और 50 से अधिक लोगों को नोटिस जारी किया है। इसके अलावा, पुलिस ने डीआरपी लाइन में बलवा ड्रिल का अभ्यास किया है, जिसमें अशांति को नियंत्रण में रखने की तैयारी की गई है। कुल 3000 से अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके।
 
 
 







