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Odisha news- पत्नी की हत्या के बाद पति ने पत्नी के प्रेमी का गुप्तांग काट डाला,जानिए पूरा मामला?

By: विकाश विश्वकर्मा

On: Thursday, July 10, 2025 1:29 PM

पत्नी की हत्या के बाद पति ने पत्नी के BF का गुप्तांग काट डाला,जानिए पूरा मामला?
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ओडिशा के एक छोटे से कस्बे में एक महिला द्वारा ससुराल छोड़ने और कथित रूप से नए साथी के साथ रहने के फैसले ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है। महिला करीब एक साल पहले अपने पति का घर छोड़कर प्रशांत नामक युवक के साथ रहने लगी थी। इस कदम के बाद उसका अपने पहले पति और ससुराल वालों से विवाद बढ़ गया। महिला का कहना है कि उसके पति द्वारा लगातार मारपीट और प्रताड़ना की वजह से उसने यह कठोर निर्णय लिया। उसने आरोप लगाया कि वह महीनों तक अत्याचार सहती रही, लेकिन जब हालात असहनीय हो गए तो उसे घर छोड़ना पड़ा।

Odisha news-घरेलू हिंसा के आरोप और परिवार में बढ़ता तनाव

महिला का दावा है कि उसके पति ने उसके साथ शारीरिक और मानसिक हिंसा की, जिसके चलते वह मानसिक रूप से टूट गई थी। ऐसे मामलों में अक्सर देखा गया है कि महिलाएं अपने मायके या किसी अन्य सुरक्षित स्थान पर शरण लेती हैं। हाल ही में कई न्यायिक फैसलों में भी यह स्पष्ट किया गया है कि यदि किसी महिला को अपने ससुराल में खतरा महसूस होता है या उसके साथ दुर्व्यवहार होता है, तो उसे जबरन ससुराल में नहीं रखा जा सकता। न्यायालयों ने यह भी कहा है कि पत्नी कोई संपत्ति या बंधुआ मजदूर नहीं है, और उसे अपनी इच्छा के विरुद्ध ससुराल में रहने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता।

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समाज में बढ़ती पारिवारिक कलह और कानूनी पहलू

देशभर में ऐसे मामलों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जहां महिलाएं ससुराल में प्रताड़ना या असहमति के चलते घर छोड़ देती हैं। कई बार यह विवाद तलाक तक पहुंच जाता है। कुछ मामलों में महिलाएं अपने पति से अलग रहकर स्वतंत्र जीवन जीने की मांग करती हैं, जबकि कई बार वे अपने माता-पिता के साथ रहना पसंद करती हैं। कानूनी रूप से, यदि महिला के साथ हिंसा या प्रताड़ना के पर्याप्त प्रमाण हैं, तो वह पुलिस और अदालत की सहायता ले सकती है। साथ ही, पति या उसके परिवार द्वारा महिला को जबरन ससुराल लाने के लिए दबाव डालना भी कानूनन गलत माना जाता है।

सामाजिक और पारिवारिक दबाव के बीच महिला की स्थिति

ऐसे मामलों में महिलाओं पर सामाजिक और पारिवारिक दबाव भी काफी रहता है। कई बार परिवार और समाज की ओर से समझौते के लिए दबाव डाला जाता है, लेकिन जब मामला हिंसा या प्रताड़ना का हो, तो महिला के पास कानूनी अधिकार होते हैं कि वह अपनी सुरक्षा और सम्मान के लिए ससुराल छोड़ सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे विवादों का समाधान संवाद और कानूनी प्रक्रिया के माध्यम से ही संभव है। अदालतें भी इस बात पर जोर देती हैं कि पति-पत्नी के बीच यदि सुलह संभव न हो, तो दोनों को स्वतंत्र जीवन जीने का अधिकार है।

विकाश विश्वकर्मा

नमस्कार! मैं विकाश विश्वकर्मा हूँ, एक फ्रीलांस लेखक और ब्लॉगर। मेरी रुचि विभिन्न विषयों पर लिखने में है, जैसे कि प्रौद्योगिकी, यात्रा, और जीवनशैली। मैं अपने पाठकों को आकर्षक और जानकारीपूर्ण सामग्री प्रदान करने का प्रयास करता हूँ। मेरे लेखन में अनुभव और ज्ञान का मिश्रण होता है, जो पाठकों को नई दृष्टि और विचार प्रदान करता है। मुझे उम्मीद है कि मेरी सामग्री आपके लिए उपयोगी और रोचक होगी।
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