सोमवार को भारतीय शेयर बाजार में भारी दबाव देखा गया। सेंसेक्स में 572 अंकों की गिरावट के साथ यह 80,891 के स्तर पर बंद हुआ, वहीं निफ्टी भी 156 अंक गिरकर 24,680.90 पर आ गया। सभी प्रमुख सेक्टरों में कमजोरी दिखी, विशेष रूप से बैंकिंग, आईटी और रियल एस्टेट सेक्टर प्रभावित रहे। बाजार में लगभग 3,000 से अधिक शेयरों में से लगभग 2,200 शेयर गिरावट के साथ बंद हुए। छोटे और मध्यवर्गीय कंपनियों के शेयरों पर भी दबाव बना रहा।
अपोलो माइक्रो सिस्टम्स के शेयरों में उछाल
इतनी नकारात्मक बाजार परिस्थिति के बीच अपोलो माइक्रो सिस्टम्स के शेयरों में खासा तेज उछाल देखने को मिला। कंपनी के शेयर लगभग 5.30% की बढ़त के साथ ₹181 प्रति शेयर पर बंद हुए। कारोबार के दौरान शेयर का उच्चतम स्तर ₹185 तक पहुंचा, जिससे निवेशकों के बीच उत्साह बढ़ा। पिछले तीन दिनों से लगातार बढ़ाई देखने को मिली, जो कंपनी के प्रदर्शन में निवेशकों के भरोसे को दर्शाता है।
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मजबूत तिमाहियों ने बढ़ाई उम्मीदें
विशेषज्ञों की राय में अपोलो माइक्रो सिस्टम्स के बढ़त का मुख्य कारण कंपनी के तिमाही नतीजे हैं। वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में कंपनी का शुद्ध मुनाफा दोगुना हुआ है। इसी अवधि में कंपनी की कुल बिक्री लगभग 19.4% बढ़कर ₹161.77 करोड़ हो गई। बाजार पूंजीकरण ₹5,500 करोड़ के पार पहुंचने से कंपनी की वित्तीय मजबूती भी जाहिर होती है।
व्यापारिक मजबूती और विकास की राह
अपोलो माइक्रो सिस्टम्स इलेक्ट्रॉनिक और इलेक्ट्रोमैकेनिकल समाधान प्रदान करती है, विशेषकर रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्रों में। कंपनी पिछले कुछ वर्षों में अत्यधिक तेजी से बढ़ी है, जिसमें पांच वर्षों में 1,100% से अधिक का उन्नति दर्ज है। वर्तमान में यह अपने तकनीकी संकेतकों जैसे 5-दिन, 100-दिन और 200-दिन मूविंग एवरेज से ऊपर ट्रेड कर रही है, जो उसकी सकारात्मक दिशा का संकेत है।
निवेशकों का बढ़ता विश्वास
भारतीय शेयर बाजार में अस्थिरता के बावजूद अपोलो माइक्रो सिस्टम्स अपने निवेशकों का विश्वास कायम रख रही है। स्मॉलकैप और डिफेंस सेक्टर में कंपनी की मजबूत स्थिति और लगातार बेहतर तिमाही नतीजे इसके भविष्य के लिए सकारात्मक संकेत हैं। विशेषज्ञों के अनुसार कंपनी की यह प्रगति निवेशकों के लिए आकर्षक विकल्प साबित हो सकती है|






