बलूचिस्तान के हालिया घटनाक्रम ने एक बार फिर पाकिस्तान में आतंकी गतिविधियों की भयावहता को उजागर कर दिया है। ताजा मामले में एक बस पर हुए हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया। मुख्यमंत्री मीर सरफराज बुगती ने इस घटना को ‘खुला आतंकवाद’ करार दिया और इसके तार ‘फित्ना ए हिन्दुस्तान’ नामक आतंकी संगठन से जोड़े हैं। उनका कहना है कि हमलावरों ने जानबूझकर पाकिस्तानी पहचान के आधार पर मासूम नागरिकों को निशाना बनाया, जिससे क्षेत्र में भय और असुरक्षा का माहौल बन गया है।
Balochistan bus attack- ‘फित्ना ए हिन्दुस्तान’ पर गंभीर आरोप
मुख्यमंत्री बुगती ने प्रेस वार्ता में भारत की खुफिया एजेंसी ‘रॉ’ पर ‘फित्ना ए हिन्दुस्तान’ को फंडिंग करने का आरोप लगाया। उनका दावा है कि यह संगठन पाकिस्तान की शांति और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन चुका है, खासकर बलूचिस्तान जैसे संवेदनशील इलाकों में। बुगती ने कहा कि इस संगठन के इशारे पर मासूम नागरिकों को निशाना बनाया जा रहा है और पाकिस्तान को अस्थिर करने की साजिश रची जा रही है।
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आतंकी हमलों की बढ़ती घटनाएं और सरकार की प्रतिक्रिया
बलूचिस्तान में हाल के महीनों में आतंकी हमलों में तेजी आई है। मुख्यमंत्री बुगती ने आश्वासन दिया है कि प्रांतीय सरकार घटना की गहन जांच करेगी और आतंकवादियों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि बलूचिस्तान के लोग और सरकार आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता से खड़े हैं। बुगती का कहना है कि सरकार की नीति राजनीतिक बातचीत और विकास पर आधारित है, लेकिन राज्य के खिलाफ हथियार उठाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

राष्ट्रीय एकता पर बल
मुख्यमंत्री मीर सरफराज बुगती ने बलूचिस्तान के लोगों से अपील की है कि वे अपनी क्षेत्रीय पहचान से ऊपर उठकर राष्ट्रीय एकता को प्राथमिकता दें। उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात में सबसे बड़ी पहचान ‘पाकिस्तानी’ होना है। बुगती ने सोशल मीडिया के माध्यम से भी संदेश दिया कि कौमी यक-जेहती (राष्ट्रीय एकता) ही देश की तरक्की और भाईचारे की नींव है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि बलूचिस्तान की अवाम पाकिस्तानी फौज के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है।
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अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिक्रिया
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने भी बलूचिस्तान में हुए इस जघन्य आतंकवादी हमले की कड़े शब्दों में निंदा की है। परिषद ने अपने बयान में कहा कि आतंकवाद किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है और मासूम नागरिकों को निशाना बनाना मानवता के खिलाफ अपराध है। पाकिस्तान सरकार ने भी अंतरराष्ट्रीय समुदाय से सहयोग की अपील की है ताकि ऐसे संगठनों की गतिविधियों पर रोक लगाई जा सके।
क्षेत्रीय राजनीति और सुरक्षा पर असर
बलूचिस्तान में बढ़ती हिंसा ने पाकिस्तान की आंतरिक राजनीति और सुरक्षा व्यवस्था को चुनौती दी है। विपक्षी दलों ने सरकार की कमजोरी पर सवाल उठाए हैं, जबकि सेना और सरकार ने मिलकर आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई का भरोसा दिलाया है। चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) जैसी परियोजनाएं भी इन घटनाओं से प्रभावित हो रही हैं, जिससे क्षेत्रीय अस्थिरता और बढ़ गई है