Women committed suicide drunking acid in Gwalior MP- दहेज के नाम पर महिलाओं की जान लेने वाला दर्दनाक मामला ग्वालियर से सामने आया है, जहां एक नवविवाहिता को उसके ससुराल वालों द्वारा दहेज में भैंस नहीं मिलने के कारण प्रताड़ित किया गया। यह मामला आम दहेज की मांगों से अलग थोड़ा अनोखा है क्योंकि दहेज में आमतौर पर सोने-चांदी के आभूषण, नकदी या महंगी गाड़ियाँ मांग की जाती हैं, लेकिन यहाँ भैंस की मांग ने एक नई त्रासदी को जन्म दिया।
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भैंस की कमी पर ससुराल की प्रताड़ना
ग्वालियर के ग्राम डमौर की रहने वाली विमलेश बघेल को शादी के बाद उसके ससुराल वाले दहेज के रूप में भैंस नहीं देने पर लगातार प्रताड़ित करते थे। पुलिस जांच में यह बात सामने आई कि पति, सास-ससुर और जेठ-जेठानी विमलेश को इस कारण से तंग करते थे। इस अत्याचार से तंग आकर विमलेश ने 21 सितंबर 2025 को तेजाब पीकर अपनी जान दे दी। यह मामला सिर्फ आत्महत्या नहीं, बल्कि हत्या के समान माना जा रहा है। पुलिस ने पति सहित ससुराल के चार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
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विमलेश का दर्दनाक जीवन सफर
विमलेश की जिंदगी शुरुआत से ही संघर्षपूर्ण रही। उसके बचपन में ही माता-पिता का निधन हो गया था। उसे उसके बड़े भाई ने पाला-पोसा और पढ़ाया। खुशी-खुशी शादी कर अगली जिंदगी की शुरुआत करने वाली विमलेश को ससुराल की क्रूरता ने मौत के घाट उतार दिया। यह घटना दहेज प्रथा की क्रूरता को उजागर करती है जो अभी भी ग्रामीण और शहरी इलाकों में युवतियों को मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना की भेंट चढ़ा रही है।







