ढाका के विश्वविद्यालय परिसरों में इन दिनों जबरदस्त हलचल है। पुराने ढाका के मिटफोर्ड अस्पताल के सामने कबाड़ व्यापारी सोहाग की निर्मम हत्या के विरोध में छात्रों ने एकजुट होकर रैलियां निकालीं। छात्रों की मांग है कि दोषियों को कड़ी सजा मिले और शहर में बढ़ती जबरन वसूली और हिंसा पर तुरंत रोक लगे। इस घटना ने न सिर्फ छात्रों, बल्कि आम नागरिकों को भी झकझोर दिया है।
हत्या की घटना से दहशत
मिटफोर्ड अस्पताल के पास कबाड़ व्यापारी सोहाग की दिनदहाड़े पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हमलावरों ने सोहाग को दुकान से घसीटकर बाहर निकाला और सरेआम पत्थरों और धारदार हथियारों से हमला किया। घटना के दौरान वहां मौजूद लोग डर के मारे कुछ नहीं कर सके। पुलिस ने अब तक सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है और जांच जारी है।
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छात्रों का आक्रोश और विरोध प्रदर्शन
सोहाग की हत्या के बाद ढाका विश्वविद्यालय, जहांगीरनगर विश्वविद्यालय और अन्य शैक्षणिक संस्थानों के छात्रों ने सड़कों पर उतरकर विरोध रैलियां कीं। छात्रों ने मशाल जुलूस निकाले, पोस्टर-बैनर के साथ इंसाफ की मांग की और प्रशासन से सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने की अपील की। कई जगहों पर छात्रों ने शांतिपूर्ण मार्च निकाला, वहीं कुछ स्थानों पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें भी हुईं।
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जबरन वसूली और अपराध का बढ़ता ग्राफ
ढाका में व्यापारियों और दुकानदारों से जबरन वसूली की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। कई इलाकों में व्यापारियों को धमकी देकर पैसे वसूले जाते हैं और विरोध करने पर हिंसा की जाती है। पुलिस के अनुसार, राजधानी में पिछले सात महीनों में जबरन वसूली और हमले की 14 घटनाएं दर्ज की गई हैं, जिनमें एक की मौत और नौ लोग घायल हुए हैं। इस तरह की घटनाओं ने छोटे व्यापारियों और आम लोगों में डर का माहौल बना दिया है।