डेनमार्क के राजदूत रस्मुस अबिल्डगार्ड क्रिस्टेंसन ने कहा कि भारत आर्थिक रूप से बहुत तेजी से उभर रहा है और निवेश के लिए अत्यंत आकर्षक स्थान बन चुका है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत की अर्थव्यवस्था को मृत अर्थव्यवस्था कहना पूरी तरह गलत है। वास्तव में, भारत विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में उभर रहा है, जिससे इसका आर्थिक भविष्य बहुत चमकीला दिखता है।
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यूरोपीय संघ के साथ आर्थिक साझेदारी
राजदूत ने भारत और यूरोपीय संघ के बीच चल रही मुक्त व्यापार समझौता (Free Trade Agreement) की बातचीत का जिक्र करते हुए बताया कि यह समझौता दोनों पक्षों के लिए फायदेमंद होगा। यह साबित करता है कि भारत का आर्थिक विकास अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मान्यता प्राप्त कर रहा है और बड़े भू-राजनैतिक एवं आर्थिक समूह इसके साथ साझेदारी करना चाहते हैं।
व्यापार और निवेश के लिए प्रॉमिसिंग जगा
डेनमार्क और यूरोप भारत को निवेश और व्यापार के लिए एक भरोसेमंद और संभावनाओं से भरा बाजार मानते हैं। अगर भारत एक मृत अर्थव्यवस्था होता तो यूरोप के लिए वहां निवेश की अपील नहीं होती। राजदूत ने यह भी कहा कि वे नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था में विश्वास करते हैं जहां बड़े देश छोटे देशों को दबाव बनाने के बजाय सौहार्दपूर्वक वार्ता करते हैं।
हालिया व्यापार विवाद एवं भारत का रुख
हाल ही में अमेरिका द्वारा भारत पर 50 प्रतिशत आयात शुल्क लगाने के फैसले के बीच राजदूत ने बताया कि डेनमार्क और यूरोप के नजरिए से भारत एक ऐसा देश है जिसमें निवेश और व्यापार के बेहद उज्जवल अवसर हैं। उन्होंने कहा कि भारत के साथ बातचीत का प्रयास सदैव पारस्परिक हितों को ध्यान में रखकर और ईमानदारी से किया जाता है।