पटना के चर्चित व्यवसायी गोपाल खेमका की हत्या के बाद उनकी शवयात्रा में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई। मुख्य आरोपी फूलों की माला लेकर अंतिम संस्कार में शामिल हो गया। भीड़ में घुला यह शख्स पुलिस की नजर में आ गया और उसे मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया गया। इस घटना ने न सिर्फ पुलिस प्रशासन, बल्कि पूरे व्यापारी वर्ग को झकझोर दिया है। खेमका की हत्या के बाद से ही पटना के कारोबारी वर्ग में डर और असुरक्षा का माहौल है।
गोपाल खेमका -हत्या की साजिश और आरोपी की पहचान
पुलिस जांच में सामने आया कि हत्या की रात तीन अपराधी पटना के दलदली रोड के पास एक चाय की दुकान पर मिले थे। वहीं पर उन्होंने चाय पी और हत्या की योजना को अंतिम रूप दिया। इसके बाद मुख्य आरोपी खेमका के घर की ओर निकल गया। आरोपी का आपराधिक इतिहास भी सामने आया है—वह पहले भी एक ऑटो चालक की हत्या के मामले में फरार चल रहा था। पुलिस की खुफिया तंत्र की विफलता भी इस मामले में उजागर हुई है, क्योंकि आरोपी लंबे समय से पुलिस की पकड़ से बाहर था।
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सीसीटीवी फुटेज और पुलिस की कार्रवाई
घटना की पुष्टि एक सीसीटीवी फुटेज से हुई, जिसमें रात 11:40 बजे खेमका को उनकी कार से उतरते समय गोली मारी गई। फुटेज में हमलावर की बर्बरता साफ नजर आती है। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की और शवयात्रा के दौरान भीड़ में शामिल आरोपी को पहचान लिया। पूछताछ में आरोपी ने हत्या की साजिश में अपनी भूमिका स्वीकार की है। पुलिस ने उसके पास से एक जर्मन मेड पिस्टल और 98 कारतूस भी बरामद किए हैं।
गोपाल खेमका –पुराने मामलों से आरोपी का संबंध
सूत्रों के मुताबिक, मुख्य आरोपी का नाम रोशन कुमार है, जो पहले भी कई संगीन मामलों में फरार रहा है। उसके खिलाफ हत्या, अपहरण और आर्म्स एक्ट के तहत कुल 28 से अधिक मामले दर्ज हैं। पुलिस ने बताया कि आरोपी की गिरफ्तारी के बाद कई अन्य संदिग्धों की तलाश तेज कर दी गई है।
जेल से जुड़े तार और पुलिस छापेमारी
पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि हत्याकांड की साजिश पटना की बेउर जेल से रची गई थी। पुलिस ने जेल में छापेमारी कर तीन मोबाइल फोन, सिम कार्ड और अन्य आपत्तिजनक सामान बरामद किया है। पुलिस ने जेल में बंद अजय वर्मा से भी पूछताछ की, जो खुद को एक राजनीतिक पार्टी से जुड़ा बताता है और आगामी चुनाव के लिए तैयारी कर रहा था। हालांकि, पुलिस ने अभी तक उसकी संलिप्तता की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।