EPF partial withdrawal rules changes 2025 – श्रम मंत्री मनसुख मांडविया की अध्यक्षता में हुई बैठक में EPFO से जुड़े कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, जिनका लाभ देश के करीब 7 करोड़ खाताधारकों को मिलेगा। इस बैठक में EPF आंशिक निकासी नियमों में ढील दी गई, ‘विश्वास स्कीम’ की शुरुआत की गई और EPFO के डिजिटल रूपांतरण (EPFO 3.0) को मंजूरी दी गई। इन बदलावों का उद्देश्य खाताधारकों को अधिक सुविधा प्रदान करना और भविष्य निधि को और अधिक मोबाइल एवं अधिकारपूर्ण बनाना है ।
Dhoti Sets for Women 2025- धोती ड्रेस फिर बनी फैशन ट्रेंड, महिलाएं आज ही ट्राई करें ये 5 धोती ड्रेस
अब 100% तक आंशिक निकासी की सुविधा
बैठक में EPF की आंशिक निकासी के नियमों को सरल और उदार बनाया गया है। अब सदस्य अपने खाते में जमा कुल राशि (कर्मचारी और नियोक्ता का योगदान) का 100% तक निकाल सकते हैं। पहले जहां 13 अलग-अलग निकासी प्रावधान थे, उन्हें तीन मुख्य श्रेणियों – आवश्यक जरूरतें (जैसे बीमारी, शिक्षा, विवाह), आवासीय जरूरतें और विशेष परिस्थितियां – में समेकित कर दिया गया है। इसके साथ ही, विशेष परिस्थितियों जैसे प्राकृतिक आपदा, लॉकडाउन या महामारी में निकासी के लिए कोई कारण बताने की आवश्यकता नहीं रहेगी। यह परिवर्तन EPFO की आंशिक निकासी प्रक्रिया को बेहद सहज और पारदर्शी बनाता है। निकासी सीमा और सेवा अवधि में भी राहत दी गई है, जहां न्यूनतम सेवा अवधि को अब केवल 12 महीने मान लिया गया है ।
Dhoti Sets for Women 2025- धोती ड्रेस फिर बनी फैशन ट्रेंड, महिलाएं आज ही ट्राई करें ये 5 धोती ड्रेस
25% न्यूनतम बैलेंस नियम लागू
नई व्यवस्था में सदस्यों के खातों में कम से कम 25% राशि की न्यूनतम बैलेंस बनाए रखना अनिवार्य होगा। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सदस्यों की बचत में स्थिरता बनी रहे और वे 8.25% की ब्याज दर का लाभ तथा कंपाउंडिंग सुविधा से वंचित न हों। इस नियम से खाताधारकों की सेवानिवृत्ति संबंधी सुरक्षा मजबूत होगी और सदस्यों को तत्काल जरूरतों के साथ लंबी अवधि के बचत के बीच संतुलन बनाने में सहूलियत मिलेगी ।






