इंग्लैंड और भारत के बीच पांच मैचों की टेस्ट सीरीज अपने आखिरी मुकाम तक पहुंचते ही क्रिकेट के इतिहास में रोमांच का नया अध्याय जोड़ गई। लंदन के ओवल मैदान पर खेले गए आखिरी टेस्ट में भारत ने इंग्लैंड को मात देकर सीरीज 2-2 से बराबर कर ली। अंतिम दिन तक खिंची इस सीरीज की निर्णायक जंग में हर गेंद, हर रन और हर विकेट दिल की धड़कनें बढ़ाने वाला था।
छोटा लक्ष्य, बड़ा संघर्ष
अंतिम टेस्ट में इंग्लैंड को जीत के लिए 374 रन चाहिए थे। पहली पारी में भारत सिर्फ 224 रन पर आउट हो गया, जबकि इंग्लैंड ने 247 रन बनाकर बढ़त ले ली थी। लेकिन दूसरी पारी में यशस्वी जायसवाल के शानदार शतक (118 रन) ने भारत को 396 रन तक पहुंचाया और इंग्लैंड के सामने बड़ी चुनौती रख दी। इंग्लैंड ने भी जो रूट (105) और हैरी ब्रुक (111) की साझेदारी से मुकाबले को रोमांचक मोड़ दे दिया।
आखिरी दिन का रोमांच
पांचवें दिन इंग्लैंड को जीत के लिए सिर्फ 35 रन चाहिए थे और उसके चार विकेट बाकी थे। मगर भारतीय गेंदबाज मोहम्मद सिराज की शानदार गेंदबाजी ने मैच की दिशा पलट दी। सिराज ने पांच विकेट झटककर इंग्लैंड को 367 रन पर समेट दिया और भारत को 6 रन से ऐतिहासिक जीत दिला दी। तेज गेंदबाज प्रसिध कृष्णा ने भी चार विकेट लेकर टीम इंडिया के पलड़े को मजबूत किया।
कप्तानी और जज्बे का दम
इस सीरीज का नेतृत्व युवा कप्तान शुभमन गिल ने किया। उन्होंने बल्लेबाज के तौर पर भी कमाल का प्रदर्शन किया और सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज का खिताब अपने नाम किया। उनकी शांतिपूर्ण कप्तानी और युवा खिलाड़ियों में जोश भरना, सीरीज में टीम इंडिया की मजबूती का बड़ा कारण रहा। मैच के बाद शुभमन ने कहा कि ग्राउंड पर खुद को मानसिक रूप से मजबूत रखना ही जीत की कुंजी थी।
थ्रिलर फिनाले: चोट के बावजूद इंग्लैंड की जुझारू जिद
आखिरी क्षणों में इंग्लिश टीम के अनुभवी क्रिस वोक्स अपने कंधे में चोट होने के बावजूद बल्लेबाज़ी के लिए मैदान में उतर आए। जब इंग्लैंड को सिर्फ 17 रन की दरकार थी, वह नॉन-स्ट्राइकर एंड पर खड़े रहे। विकेट पर टिके गस एटकिन्सन ने एक छक्का मारकर उम्मीद जगाई, मगर सिराज की यॉर्कर ने उनकी गिल्लियां बिखेर दीं। इंग्लैंड का संघर्ष तारीफ-ए-काबिल रहा पर जश्न भारत के नाम रहा।
मुख्य उपलब्धियां और संजीदा मुकाबला
इस सीरीज में कई ऐतिहासिक रिकॉर्ड बने। यशस्वी जायसवाल, शुभमन गिल, और मोहम्मद सिराज के प्रदर्शन ने फैंस को चौंका दिया। जो रूट और हैरी ब्रुक जैसी इंग्लैंड की मजबूत बल्लेबाजी के सामने भी भारतीय गेंदबाजों ने अंतिम समय में आत्मबल और धैर्य से मुकाबला जीता। ओवल टेस्ट न सिर्फ सीरीज का बल्कि हालिया क्रिकेट इतिहास का सबसे यादगार मुकाबला बन गया।