प्रसिद्ध जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने 15 दिनों के भूख हड़ताल को बुधवार को समाप्त कर दिया, जिसमें उन्होंने लद्दाख के लिए पूर्ण राज्यhood और संवैधानिक छठे अनुसूची के तहत संरक्षण की मांग की थी। उन्होंने इस आंदोलन के दौरान लद्दाख के युवाओं से अपील की कि वे हिंसा बंद करें क्योंकि इसका आंदोलन को नुकसान हो रहा है। वांगचुक ने कहा कि युवा “Gen-Z क्रांति” के तहत पिछले पांच वर्षों से बेरोजगार हैं और उनकी नाराजगी ने इस हिंसा को जन्म दिया है।
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स्थानीय युवाओं का प्रदर्शन और हिंसा
वांगचुक की भूख हड़ताल ने लद्दाख के युवाओं में भारी समर्थन जगाया, विशेषकर छात्रों में, जिन्होंने लेह में सड़कों पर उतर कर केंद्र सरकार के खिलाफ नारे लगाए। यह प्रदर्शन जब शांतिपूर्ण था तब अचानक हिंसक हो गया, जिसमें पत्थरबाजी हुई और एक CRPF वाहन को आग लगा दी गई। प्रदर्शनकारियों ने बीजेपी कार्यालय में आग लगा दी, जिससे सुरक्षा बलों को क्षेत्र में कड़ी तैनाती करनी पड़ी।
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दिल्ली के हाथ में कमान, स्थानीय लोग चिंतित
स्थानीय लोग अब इस बदलाव को लेकर चिंतित हैं कि जम्मू-श्रीनगर की तुलना में अब प्रशासन दिल्ली के नियंत्रण में ज्यादा सख्त हो गया है। सोनम वांगचुक ने भी आशंका जताई है कि जम्मू-कश्मीर में हाल ही में बनी सरकार और राज्यपाल के बीच तालमेल सही से न हो, जिससे दिल्ली जैसी स्थिति बन सकती है जहां दोनों के बीच टकराव हो। उन्होंने कहा है कि जम्मू-कश्मीर को पूरा राज्य पुनः प्राप्त होना चाहिए, जबकि लद्दाख का मामला उससे अलग है।
 
 
 







