मराठा कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने महाराष्ट्र सरकार से मांग की है कि मराठा समुदाय को कुनबी के रूप में मान्यता दी जाए और उन्हें ओबीसी श्रेणी में 10 प्रतिशत आरक्षण दिया जाए। उन्होंने दावा किया है कि 58 लाख मराठों के पास ऐसा रिकॉर्ड है जो उन्हें कुनबी जाति बताता है। जरांगे का कहना है कि मराठा और कुनबी जाति एक ही उपजाति हैं और जिस तरह कुनबी को आरक्षण मिलता है,
Best Smartphone for Performance- 6,500mAh बैटरी और Dimensity 7300 के साथ iQOO फ़ोन|
मराठा आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट का सख्त फैसला
महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग लंबे समय से राजनीतिक और सामाजिक विवाद का विषय रही है। 2018 में महाराष्ट्र सरकार ने मराठा समुदाय को सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़ा वर्ग (SEBC) घोषित कर 16 प्रतिशत आरक्षण देने का कानून बनाया था, लेकिन इसका विरोध हुआ और मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। 5 मई 2021 को सुप्रीम कोर्ट ने इस आरक्षण को असंवैधानिक घोषित कर दिया क्योंकि यह 50 प्रतिशत की आरक्षण सीमा से अधिक था।
Mexi designs for women- 4 खूबसूरत मेक्सी डिजाइन जो हर महिला पसंद करेगी, देखें डिजाइन|
इतिहास और सामाजिक पहचान का आधार
मराठा समुदाय का इतिहास और सामाजिक पहचान इस मुद्दे में अहम भूमिका निभा रही है। इतिहास में मराठाओं को योद्धा जाति माना गया है, और शिवाजी महाराज भी इस समुदाय से थे। परंतु प्रशासनिक और सामाजिक स्तर पर मराठाओं को कुनबी जाति से जोड़ा जाता रहा है, जो एक कृषि प्रधान जाति है और ओबीसी के तहत आरक्षण का लाभ प्राप्त करती है।
 
 
 







