ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में आयोजित 17वें ब्रिक्स सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की अध्यक्षता में संगठन को नया स्वरूप देने का ऐलान किया। मोदी ने कहा कि भारत की अगुवाई में ब्रिक्स ‘सहयोग और स्थिरता के लिए लचीलापन और नवाचार’ के सिद्धांत पर आगे बढ़ेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत की प्राथमिकता ग्लोबल साउथ के देशों को मजबूत मंच देना और विकासशील देशों की आवाज़ को वैश्विक स्तर पर बुलंद करना है।
BRICS partner countries 2025-आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता की अपील
प्रधानमंत्री मोदी ने सम्मेलन में आतंकवाद को मानवता का सबसे बड़ा दुश्मन बताते हुए सभी सदस्य देशों से बिना किसी नरमी के इसके खिलाफ लड़ने की अपील की। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में दोहरे मापदंड नहीं होने चाहिए और जो देश आतंकवादियों को समर्थन या पनाह देते हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई जरूरी है। ब्रिक्स के घोषणापत्र में भी सीमा पार आतंकवाद की कड़ी निंदा की गई।
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वैश्विक संस्थाओं में सुधार की मांग
मोदी ने अपने संबोधन में संयुक्त राष्ट्र, आईएमएफ, विश्व बैंक और डब्ल्यूटीओ जैसी वैश्विक संस्थाओं में व्यापक सुधार की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी की चुनौतियों के समाधान के लिए इन संस्थाओं को अधिक समावेशी और पारदर्शी बनाना जरूरी है। भारत ने ब्रिक्स मंच से विकासशील देशों के हितों की रक्षा और वैश्विक शासन में न्यायपूर्ण भागीदारी की वकालत की।

जलवायु न्याय और स्वास्थ्य पर भारत का दृष्टिकोण
सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने जलवायु न्याय को भारत के लिए नैतिक कर्तव्य बताया। उन्होंने कहा कि पृथ्वी का स्वास्थ्य और मानव स्वास्थ्य एक-दूसरे से जुड़े हैं और भारत जलवायु परिवर्तन के खिलाफ वैश्विक प्रयासों में अग्रणी भूमिका निभाएगा। मोदी ने पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास के लिए ब्रिक्स देशों के बीच सहयोग बढ़ाने की बात कही।
BRICS partner countries 2025 –विज्ञान, तकनीक और डिजिटल सहयोग की पहल
प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिक्स विज्ञान और अनुसंधान भंडार का प्रस्ताव रखा, जिससे सदस्य देशों के बीच महत्वपूर्ण खनिजों की आपूर्ति, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर और स्वास्थ्य सेवाओं में सहयोग को बढ़ावा मिलेगा। भारत ने डिजिटल भुगतान प्रणाली और आयुर्वेद जैसे क्षेत्रों में साझेदारी की संभावनाओं को भी रेखांकित किया।
ब्रिक्स का विस्तार और भारत की रणनीति
ब्रिक्स समूह में हाल ही में मिस्र, इथियोपिया, ईरान और यूएई जैसे देशों को भी शामिल किया गया है, जिससे इसकी वैश्विक भूमिका और प्रभावशीलता बढ़ी है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत की अध्यक्षता में ब्रिक्स न केवल आर्थिक सहयोग का केंद्र बनेगा, बल्कि विकासशील देशों की उम्मीदों का भी प्रतिनिधित्व करेगा।