मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के एक छोटे गांव में दो मासूम बच्चों की दुखद मृत्यु ने इलाके को हैरान कर दिया। परिवार के चार सदस्यों पर घर के कमरे में रखे गेहूं से निकल रही जहरीली गैस का प्रभाव पड़ा। पुलिस ने बताया कि यह गेहूं कीटनाशक दवा से संक्रमित था, जिससे जहरीली गैस बन गई।
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पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने मौत की असली वजह बताई
दोनों बच्चों के शवों का पोस्टमार्टम किया गया, जिससे पता चला कि उनकी मौत की वजह जहरीली गैस के कारण विषाक्तता थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बच्चों के शरीर में विषैले तत्व पाए गए, जिससे पुलिस की शुरुआती जांच के नतीजे सही साबित हुए।
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परिवार की हालत गंभीर और गांव में भय का माहौल
इस हादसे के बाद मृत बच्चों के माता-पिता भी अस्पताल में गंभीर रूप से भर्ती हैं। डॉक्टरों ने बताया कि जहरीली गैस के संपर्क में आने से सांस लेने और हृदय से संबंधित गंभीर समस्याएँ हो सकती हैं, जो जानलेवा भी हो सकती हैं। इस कारण समय पर इलाज बहुत जरूरी होता है।
विशेषज्ञों की सलाह: कीटनाशकों का सुरक्षित इस्तेमाल ज़रूरी
डॉक्टरों और कृषि विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अनाज के भंडारण में कीटनाशकों का इस्तेमाल सावधानी से होना चाहिए। यदि सुरक्षा का सही ध्यान न रखा जाए, तो जहरीली गैस निकलकर जान-माल को भारी नुकसान पहुंचा सकती है। विशेष रूप से एल्यूमिनियम फॉस्फाइड जैसी दवाएं अत्यंत खतरनाक होती हैं।
पुलिस की चेतावनी और जागरूकता की पहल
पुलिस ने ग्रामीणों से अनुरोध किया है कि वे कीटनाशकों का उपयोग ठीक तरीके से करें और अनाज के पास इन्हें रखकर जोखिम न बढ़ाएं। प्रशासन ने जागरूकता अभियान चलाने का फैसला लिया है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएँ टाली जा सकें।
आसपास के इलाकों में सतर्क रहने की अपील
घटना के बाद आसपास के गांवों और समुदायों में जागरूकता बढ़ी है। चिकित्सा और प्रशासनिक अधिकारियों ने लोगों को अनाज के भंडारण में सुरक्षा उपाय अपनाने और जहरीली दवाओं के इस्तेमाल में सावधानी बरतने की सलाह दी है। बच्चों को ऐसी जगहों से दूर रखना भी जरूरी बताया गया है।