नेपाल में हाल ही शुरू हुए विरोध प्रदर्शनों ने तेजी से हिंसक रूप ले लिया है। इन प्रदर्शनों के दौरान देश भर में हुई विभिन्न झड़पों और हिंसा में अब तक कुल 51 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें प्रदर्शनकारियों, पुलिसकर्मियों और कैदियों भी शामिल हैं। यह उपद्रव सामाजिक मीडिया पर लगे प्रतिबंध और भ्रष्टाचार के खिलाफ युवाओं की नाराजगी का परिणाम है
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प्रदर्शनों की पृष्ठभूमि और कारण
यह आंदोलन मुख्य रूप से नेपाल की जनरेशन Z ने शुरू किया था, जो देश की युवावर्ग है। सरकार द्वारा 26 प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे फेसबुक, यूट्यूब, इंस्टाग्राम पर प्रतिबंध लगाने के निर्णय के बाद युवाओं में असंतोष फैल गया। इसके अलावा भ्रष्टाचार, सरकार की नीतियों में पारदर्शिता की कमी और युवाओं के लिए रोजगार की कमी ने आंदोलन को बढ़ावा दिया
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सुषमा कार्की बनीं अंतरिम प्रधानमंत्री
प्रदर्शनों के बीच, नेपाल की पूर्व सुप्रीम कोर्ट मुख्य न्यायाधीश सुषमा कार्की को देश की अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त किया गया है। वह नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री हैं। उनका कार्यभार ग्रहण करने का उद्देश्य देश में शांति बहाल करना और आगामी चुनाव आयोजित कराना है। उनका कहना है कि वे तभी इस पद पर बने रहेंगी यदि भ्रष्टाचार के मामले और पुलिस के दुरुपयोग की निष्पक्ष जांच हो सके
 
 
 







