हाल ही में संपन्न हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने पाकिस्तान की सैन्य रणनीति में हलचल मचा दी है। भारत की इस आक्रामक और सटीक सैन्य कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने ताबड़तोड़ फैसले लेते हुए चीन से Z-10ME अटैक हेलिकॉप्टर खरीदे हैं। पाकिस्तान ने कभी इन्हीं हेलिकॉप्टरों को फेल साबित कर लौटा दिया था, लेकिन वर्तमान समय की चुनौतियों के चलते उसने इन्हें अपने बेड़े में शामिल करने का फैसला किया है।
पाकिस्तानी सेना में Z-10ME की औपचारिक एंट्री
2 अगस्त 2025 को पाकिस्तानी सेना ने चीनी Z-10ME हेलिकॉप्टरों को औपचारिक रूप से अपने एविएशन विंग में शामिल कर लिया। यह समारोह मुल्तान के सेना मुख्यालय में सम्पन्न हुआ, जिसमें पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल असीम मुनीर भी मौजूद रहे। समारोह के दौरान फायरपावर डेमो में इन हेलिकॉप्टरों ने बेहद सटीकता से अपने टार्गेट को ध्वस्त किया, जिससे उनकी संचालन क्षमता का प्रदर्शन हुआ।
पुराने हेलिकॉप्टरों की जगह लेगा नया जंगी पंछी
पाकिस्तानी सेना ने लंबे समय से इस्तेमाल हो रहे अमेरिकी AH-1F कोबरा हेलिकॉप्टरों के स्थान पर Z-10ME को चुना है। तकनीकी रूप से यह हेलिकॉप्टर उच्च इलाकों में ऑपरेशन, प्रिसिशन स्ट्राइक और मल्टी-रोल कार्यों में सक्षम है। इसमें बाकी एडवांस फीचर्स के साथ रात में भी हमले करने और विभिन्न प्रकार के हथियार ले जाने की क्षमता है।
अब मॉडिफाइड वर्जन के साथ वापसी
2021 में पाकिस्तान ने चीन से तीन Z-10 हेलिकॉप्टर परीक्षण के लिए मंगवाए थे, लेकिन ये अपेक्षा अनुसार प्रदर्शन नहीं कर पाए और पाकिस्तान ने इन्हें लौटा दिया था। लेकिन चीन ने बाद में इस हेलिकॉप्टर में इंजिन, रडार और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम में सुधार किए। अब इन ‘मॉडिफाइड वर्जन’ को पाकिस्तान ने सैन्य बेड़े में शामिल किया है।
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भारत के मुकाबले की तैयारी
पाकिस्तानी रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, Z-10ME हेलिकॉप्टर ऊंचे इलाकों में लड़ाई के लिहाज से डिजाइन किए गए हैं। यह चीन और पाकिस्तान के बीच गहराते सैन्य संबंधों का भी प्रतीक है। भारत ने भी हाल ही में अमेरिकी अपाचे हेलिकॉप्टर शामिल किए हैं, जिससे दक्षिण एशिया में सैन्य स्पर्धा और तेज हो गई है।