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मंदिर में इस्लाम धर्म के प्रचार-प्रसार अपराध नहीं हाईकोर्ट आरोपी को किया दोषमुक्त

By: विकाश विश्वकर्मा

On: Thursday, July 24, 2025 5:53 PM

Karnataka High Court judgment on religious preaching: Court quashes FIR against men distributing Islamic pamphlets near temple, affirming religious freedom and acquitting accused.
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हाल ही में कर्नाटक हाईकोर्ट के जस्टिस वेंकटेश नाइक टी ने एक महत्वपूर्ण फैसले में यह स्पष्ट किया कि मंदिर परिसर में इस्लाम धर्म का मौखिक प्रचार करना और पर्चा बांटना, जब तक जबरदस्ती बदलाव या लालच न हो, कोई अपराध नहीं है। यह फैसला सशक्त कानूनी आधार पर दिया गया, जिसमें यह देखा गया कि क्या इसमें धार्मिक परिवर्तन की कोशिश की गई या नहीं। फैसले में बताया गया कि अगर सिर्फ अपने धर्म के प्रति जानकारी साझा की गई और उसमें कोई व्यक्ति या परिवार शिकायतकर्ता नहीं है, तो ऐसे क्षेत्र में एफआईआर या केस दर्ज करना सही ठहराया नहीं जा सकता।

मंदिर परिसर में धर्म प्रचार

मामला कर्नाटक के जामखंडी के रमतिर्थ मंदिर से जुड़ा था, जहां कुछ व्यक्तियों ने इस्लाम धर्म से जुड़ी पर्चियां बांटी और मौखिक रूप से अपने धार्मिक विचार प्रकट किए। इस घटना के आधार पर धार्मिक भावनाओं को भड़काने, धर्मांतरण की कोशिश और धमकी देने के आरोप लगे। हालांकि न्यायालय ने पाया कि न तो किसी को जबरदस्ती धर्म बदलने के लिए विवश किया गया, न ही मज़बूर किया गया या कोई धोखे से लालच दिया गया। शिकायत दर्ज कराने वाला भी स्वयं प्रभावित व्यक्ति नहीं था, बल्कि कोई तीसरा था।

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कानून की धाराएं और अदालत का फैसला

कोर्ट ने विशेष रूप से कर्नाटक प्रोटेक्शन ऑफ राइट टू फ्रीडम ऑफ रिलिजन एक्ट, 2022 और भारतीय न्याय संहिता की धाराओं का विश्लेषण किया। जस्टिस वेंकटेश नाइक टी ने साफ कहा — केवल धार्मिक ग्रंथ बांटना या धर्म की मौखिक चर्चा करना तब तक अपराध नहीं है जब तक कोई व्यक्ति जबरदस्ती, धोखे, लालच या दबाव में आकर अपना धर्म न बदले। शिकायत दाखिल करने का अधिकार केवल वही व्यक्ति या उसके परिवार को है, जिसका कथिततौर पर धर्म परिवर्तन हुआ हो, न कि किसी तीसरे को। परिणामस्वरूप एफआईआर और आगे की कानूनी कार्रवाई को पूरी तरह रद्द कर दिया गया।

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धार्मिक स्वतंत्रता और सीमा

यह निर्णय भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 व 26 के तहत धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार को ध्यान में रखता है। अदालत की राय यह रही कि खुले समाज में हर किसी को अपने विचार और धर्म का प्रचार करने का अवसर है, जब तक कि वह दूसरे की धार्मिक स्वतंत्रता या सांप्रदायिक सौहार्द को नुकसान नहीं पहुंचाता।

सार्वजनिक-स्थलों पर प्रचार?

सिर्फ धार्मिक पर्चा बांटना या मौखिक रूप से धर्म संबंधी जानकारी देना तब तक संवैधानिक अधिकार में आता है जब तक उसमें कोई गलत नीयत, जबरदस्ती, धमकी या लालच नहीं हो। कोर्ट का बयान साफ करता है कि भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में धार्मिक सहिष्णुता और बहुलता का सम्मान किया जाना चाहिए, साथ ही मंदिर, मस्जिद, गिरजाघर जैसे पूजास्थलों की मर्यादा बनाये रखना भी आवश्यक है।

सामाजिक पक्ष

इस फैसले के बाद कई लोगों में बहस छिड़ गई कि क्या यह मंदिरों या पूजास्थलों की पवित्रता के लिए खतरा है। लेकिन अदालत ने अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए स्पष्ट किया कि, जब तक सीधा या छुपा हुआ धर्मांतरण नहीं है, तब तक केवल प्रचार को अपराध नहीं माना जा सकता। इससे धार्मिक स्वतंत्रता और कानून के संतुलन को बनाए रखने में मदद मिलती है।

कर्नाटक हाईकोर्ट का निर्णायक फैसला

कर्नाटक हाईकोर्ट के न्यायाधीश वेंकटेश नाइक टी ने हाल ही में एक बड़े फैसले में स्पष्ट किया है कि मंदिर परिसर में केवल इस्लाम धर्म का मौखिक प्रचार करना और पर्चा बांटना कोई अपराध नहीं है, जब तक इसमें धर्मांतरण के लिए ज़बरदस्ती या लालच का तत्त्व न हो। इस फैसले ने धार्मिक स्वतंत्रता और कानून के बीच संतुलन बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मिसाल कायम की है।

मंदिर परिसर में पर्चा बांटने व मौखिक प्रचार पर कानूनी स्पष्टता

यह मामला कर्नाटक के जामखंडी स्थित रमतिर्थ मंदिर से जुड़ा था, जहां तीन मुस्लिम व्यक्तियों पर आरोप था कि उन्होंने मंदिर के पास इस्लाम धर्म से संबंधित पर्चे बांटे और अपने धार्मिक विचारों का मौखिक प्रचार किया। आरोप था कि उन्होंने धर्मांतरण कराने की कोशिश की और धार्मिक भावनाओं को भड़काया। हालांकि, अदालत ने देखा कि किसी भी व्यक्ति को ज़बरदस्ती, धोखे या लालच में धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर नहीं किया गया और शिकायत भी सीधे प्रभावित व्यक्ति द्वारा नहीं, बल्कि तीसरे पक्ष द्वारा दर्ज कराई गई थी।

विकाश विश्वकर्मा

नमस्कार! मैं विकाश विश्वकर्मा हूँ, एक फ्रीलांस लेखक और ब्लॉगर। मेरी रुचि विभिन्न विषयों पर लिखने में है, जैसे कि प्रौद्योगिकी, यात्रा, और जीवनशैली। मैं अपने पाठकों को आकर्षक और जानकारीपूर्ण सामग्री प्रदान करने का प्रयास करता हूँ। मेरे लेखन में अनुभव और ज्ञान का मिश्रण होता है, जो पाठकों को नई दृष्टि और विचार प्रदान करता है। मुझे उम्मीद है कि मेरी सामग्री आपके लिए उपयोगी और रोचक होगी।
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