रक्षा बंधन का त्योहार भाई-बहन के प्रेम और सुरक्षा के प्रतीक के रूप में पूरे भारत में बड़े उत्साह से मनाया जाता है। इस बार यह त्यौहार 9 अगस्त 2025 को मनाया जाएगा। सांस्कृतिक और धार्मिक दृष्टि से यह दिन बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनकी लंबी उम्र और खुशहाली की कामना करती हैं। इस वर्ष ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 22 मिनट पर शुरू होगा, जो राखी बांधने के लिए शुभ समय का प्रारंभिक चरण होगा।
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राखी बांधने के लिए शुभ मुहूर्त और समय
वैदिक पंचांग के अनुसार, राखी बांधने का शुभ मुहूर्त 9 अगस्त 2025 को सुबह 5 बजकर 47 मिनट से दोपहर 1 बजकर 24 मिनट तक रहेगा। यह समय लगभग 7 घंटे 37 मिनट तक कायम रहेगा, जिसके दौरान राखी बांधना अत्यंत शुभ माना जाता है। उल्लेखनीय यह भी है कि इस दिन सुबह 4:22 बजे से 5:04 बजे तक का ब्रह्म मुहूर्त भी उपलब्ध रहेगा, जो विशेष महत्व रखता है। इसके अतिरिक्त, दोपहर 12:17 से 12:53 बजे तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा, जो राखी बांधने के लिए सबसे उत्तम समय माना जाता है।
राहुकाल और भद्रा काल का ध्यान
ज्योतिषीय दृष्टि से रक्षा बंधन के दिन राहुकाल का समय सुबह 9:07 बजे से 10:47 बजे तक रहेगा, इस दौरान राखी बांधना वर्जित है क्योंकि राहुकाल को अशुभ माना जाता है। खास बात यह है कि इस वर्ष रक्षा बंधन पर भद्रा काल नहीं रहेगा, जिससे पूरे दिन राखी बांधने का शुभ अवसर मिलेगा। भद्रा काल का अभाव त्योहार की पवित्रता और शुभता को बढ़ाता है। इसलिए बहनों को राहुकाल के समय से बचकर राखी बांधनी चाहिए ताकि सभी प्रकार के शुभ योगों का लाभ प्राप्त हो सके।
पवित्र तिथि और सांस्कृतिक महत्ता
रक्षा बंधन का पर्व सावन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है, जो इस वर्ष 8 अगस्त दोपहर में 2:12 बजे से शुरू होकर 9 अगस्त दोपहर 1:24 बजे तक विद्यमान रहेगी। पंचांग में उदय तिथि के अनुसार रक्षाबंधन 9 अगस्त को ही मनाना शुभ माना गया है। यह तिथि और समय भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत और सौम्य बनाने में सदियों से सहायक रहे हैं। इस पवित्र अवसर पर पूजा विधि और मंत्रों का पालन करने से पर्व की शांति और समृद्धि में वृद्धि होती है।
शुभ योग और धार्मिक विश्वास
इस वर्ष रक्षा बंधन पर कई शुभ योग बन रहे हैं जैसे कि सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 5:47 से दोपहर 2:23 बजे तक बना रहेगा, जो हर प्रकार के कार्यों में सफलता और अनुकूलता का सूचक है। साथ ही सौभाग्य योग भी सुबह से लेकर अगले दिन तड़के 2:15 बजे तक रहेगा, जो इस पर्व को और भी खास बनाता है। राखी बांधने की इस पवित्र प्रक्रिया में इन योगों का विशेष महत्व है, जिससे पारिवारिक प्रेम और भाई-बहन के रिश्ते की मिठास और भी बढ़ जाती है।