दक्षिण एशिया के पड़ोसी देशों—बांग्लादेश, पाकिस्तान, म्यांमार, श्रीलंका और नेपाल—में हाल के वर्षों में विरोध प्रदर्शन और राजनीतिक अशांति ने क्षेत्र की सुरक्षा और स्थिरता को चुनौती दी है। ये देश राजनीतिक गड़बड़ी, आर्थिक संकट और व्यापक असंतोष से जूझ रहे हैं, जिससे भारत के पड़ोसी क्षेत्र में तनाव की स्थिति बनी हुई है।
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नेपाल में गहन संकट और युवा वर्ग की आवाज
नेपाल में पिछले कुछ महीनों के भीतर हुए व्यापक विरोध प्रदर्शनों ने सरकार को गिरा दिया। खासकर सोशल मीडिया बंदी के खिलाफ शुरू हुए युवा नेतृत्व वाले आंदोलनों ने प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को इस्तीफा देने पर मजबूर कर दिया। कोरोना के बाद राजनीतिक अस्थिरता की इस हालात ने क्षेत्रीय सहयोगी देशों के लिए चिंता के नए द्वार खोल दिए हैं।
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बांग्लादेश में राजनैतिक उथल-पुथल
बांग्लादेश में प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ बड़े पैमाने पर छात्र और आम जनता के दुर्घटना विरोध प्रदर्शनों ने अगस्त 2024 में उनके इस्तीफे और देश छोड़ने का सिलसिला शुरू किया। भ्रष्टाचार और अत्याचारी शासन के खिलाफ यह आंदोलन उनके लंबे政काल को समाप्त करने वाला रहा। इसके बाद एक अंतरिम सरकार ने सत्ता संभाली, लेकिन राजनीतिक माहौल फिर भी अस्थिर बना हुआ है।
 
 
 







