अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने एशियाई सहयोगी देशों जापान और साउथ कोरिया पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा करके वैश्विक व्यापार जगत में हलचल मचा दी है। यह फैसला 1 अगस्त से लागू होगा और इसका उद्देश्य अमेरिका के व्यापार घाटे को कम करना और घरेलू उद्योगों को मजबूती देना बताया गया है।
Trump imposes 25 percent tariffs-‘रिसिप्रोकल ट्रेड’ की मांग पर सख्ती
ट्रंप ने दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों को भेजे पत्रों में स्पष्ट किया कि अमेरिका का व्यापार संबंध ‘रिसिप्रोकल’ यानी बराबरी का नहीं है। इसी वजह से टैरिफ बढ़ाने का कदम उठाया गया है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जापान या साउथ कोरिया ने जवाबी टैरिफ लगाए, तो अमेरिका भी अपनी दरें और बढ़ा सकता है। हालांकि, ट्रंप ने यह भी संकेत दिया कि यदि दोनों देश अपनी व्यापार नीतियों में बदलाव करते हैं, तो टैरिफ में कमी भी संभव है।
बाजारों में उथल-पुथल, एशियाई शेयर बाजारों में गिरावट
इस घोषणा के बाद एशिया के शेयर और मुद्रा बाजारों में तेज गिरावट देखी गई। जापान का निक्केई इंडेक्स 4.6% तक गिर गया, जबकि साउथ कोरिया के शेयर बाजार ने तीन महीने का न्यूनतम स्तर छू लिया। विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से वैश्विक व्यापार में अस्थिरता बढ़ सकती है और कई देशों की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ेगा।

व्यापार वार्ता विफल, अमेरिका का एकतरफा फैसला
ट्रंप प्रशासन ने यह कदम ऐसे समय में उठाया है जब जापान और साउथ कोरिया के साथ व्यापार समझौते की वार्ता अपेक्षित परिणाम नहीं दे पाई। व्हाइट हाउस ने कहा कि यह नीति ‘कस्टमाइज्ड अप्रोच’ यानी हर देश के लिए अलग रणनीति के तहत लागू की गई है। दोनों देशों को पहले ही 10% टैरिफ का सामना करना पड़ रहा था, जिसे अब 25% कर दिया गया है।
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अन्य देशों पर भी नजर, वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंका
Trump imposes 25 percent tariffs–ट्रंप ने संकेत दिए हैं कि आने वाले दिनों में अन्य देशों पर भी इसी तरह के टैरिफ लगाए जा सकते हैं। उन्होंने ब्रिक्स देशों को भी चेतावनी दी है कि यदि वे ‘एंटी-अमेरिकन’ नीतियों का समर्थन करते हैं, तो उन पर अतिरिक्त 10% टैरिफ लगाया जाएगा। इससे वैश्विक स्तर पर व्यापार युद्ध की आशंका और गहरा गई है।