उत्तराखंड में मानसून ने विकराल रूप धारण कर लिया है। मौसम विभाग ने 10 से 14 जुलाई तक राज्य के कई जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। देहरादून, पिथौरागढ़, बागेश्वर, नैनीताल, चंपावत, रुद्रप्रयाग समेत पहाड़ी और मैदानी जिलों में मूसलाधार वर्षा की संभावना जताई गई है। प्रशासन को आपदा प्रबंधन के लिए सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं और राहत दलों को अलर्ट पर रखा गया है।
तेज बारिश का सिलसिला
राज्य के कई हिस्सों में बीती रात से ही तेज बारिश का सिलसिला जारी है। देहरादून, नैनीताल, रुद्रप्रयाग, टिहरी और चंपावत जिलों में जलभराव और भूस्खलन की घटनाएं सामने आई हैं। कई नदियां उफान पर हैं, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। पुलिस और प्रशासन ने नदियों के किनारे रहने वाले लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
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Uttarakhand heavy rainfall- कई क्षेत्रों में तबाही
बादल फटने की घटनाओं ने कई क्षेत्रों में तबाही मचाई है। बुधवार रात देहरादून और आसपास के इलाकों में आई तेज बारिश से रिस्पना और बिंदल नदियों का जलस्तर अचानक बढ़ गया। कई जगहों पर सड़कों और घरों में पानी घुस गया, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, प्रदेश में 80 से अधिक सड़कें बंद हैं, जिन्हें खोलने के लिए प्रशासन लगातार प्रयास कर रहा है।
मौसम विभाग के अनुसार, 13 जुलाई को देहरादून, नैनीताल और बागेश्वर में बहुत भारी वर्षा की संभावना है, जबकि 14 जुलाई को बागेश्वर, नैनीताल और रुद्रप्रयाग में भारी बारिश हो सकती है। स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में छुट्टी घोषित कर दी गई है, ताकि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
प्रशासन ने लोगों से अपील
मुख्यमंत्री और प्रशासनिक अधिकारी लगातार हालात पर नजर बनाए हुए हैं। राहत और बचाव कार्यों के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें तैनात की गई हैं। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें और किसी भी आपदा की स्थिति में तुरंत प्रशासन से संपर्क करें।उत्तराखंड में भारी बारिश और बादल फटने की घटनाओं के चलते जनजीवन प्रभावित है। प्रशासन और आपदा प्रबंधन दल पूरी सतर्कता के साथ राहत कार्यों में जुटे हैं, लेकिन मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक और सतर्क रहने की सलाह दी है।
 
 
 







