नई दिल्ली: मंगलवार को हुए भारत के उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) के उम्मीदवार और महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने भारी बहुमत के साथ जीत दर्ज की है।
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राधाकृष्णन को मिला भारी समर्थन
सीपी राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति चुनाव में प्रथम वरीयता के कुल 452 वोट मिले, जिससे वे सीधे उपराष्ट्रपति चुने गए हैं। विपक्ष के उम्मीदवार और पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज बी. सुब्रह्मण्यम रेड्डी केवल 300 वोट हासिल कर सके। कुल 767 सांसदों ने मतदान किया, जिसमें से 752 वोट वैध रहे और 15 वोट को अमान्य घोषित किया गया।
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चुनावी प्रक्रिया में सख्ती और गोपनीयता
यह चुनाव पूरी तरह गोपनीय मतपत्र व्यवस्था के तहत संसद भवन में संपन्न हुआ। इस दौरान सांसद पार्टी व्हिप से स्वतंत्र रहते हैं और अपनी पसंद के अनुसार मतदान करते हैं। मतदान सुबह 10 बजे शुरू होकर शाम 5 बजे तक चला, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कई केंद्रीय मंत्री, विपक्ष के प्रमुख नेता सहित अधिकांश सांसदों ने मतदान किया।
विपक्ष की एकजुटता पर सवाल
बीजेपी नेतृत्व वाली एनडीए की स्पष्ट बहुमत की स्थिति के बावजूद, राधाकृष्णन को अपेक्षा से 14 वोट अधिक मिले। वहीं विपक्षी गठबंधन “इंडिया” के दावे के अनुसार सभी विपक्षी सांसदों ने मतदान किया, लेकिन प्रत्याशी को सिर्फ 300 वोट ही मिले। इससे क्रॉस वोटिंग की संभावना जताई जा रही है और विपक्षी एकता पर भी सवाल उठे हैं।
 
 
 







