भारतीय दूरसंचार क्षेत्र की प्रमुख कंपनी, भारती एयरटेल के प्रमोटर समूह की इकाई इंडियन कॉन्टिनेंट इन्वेस्टमेंट लिमिटेड द्वारा 9,310 करोड़ रुपये तक के शेयर बेचने की योजना बनाई गई है। इस ब्लॉक डील के तहत करीब 5 करोड़ इक्विटी शेयर बेचे जाएंगे, जो कंपनी के कुल इक्विटी आधार का लगभग 0.8% हिस्सा है। इस सौदे के लिए फ्लोर प्राइस 1,862 रुपये प्रति शेयर निर्धारित किया गया है, जो शेयर के हाल ही के बंद मूल्य से लगभग 3 प्रतिशत कम है।
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ब्लॉक डील क्या है और इसका महत्व
ब्लॉक डील एक ऐसा वित्तीय लेनदेन होता है जिसमें बड़ी संख्या में शेयर एक ही बार में संस्थागत या बड़े निवेशकों को बेचे जाते हैं। यह प्रक्रिया शेयर की कीमत पर ज्यादा प्रभाव डाले बिना बड़े शेयरधारकों को अपनी हिस्सेदारी बेचान में मदद करती है। एयरटेल में यह ब्लॉक डील कंपनी के प्रमोटर समूह की हिस्सेदारी में जरूरी बदलाव को दर्शाती है और निवेशकों के बीच इसका काफी ध्यान रखा जाता है।
एयरटेल की वर्तमान संवित्तीय स्थिति
इस वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में एयरटेल ने मजबूत प्रदर्शन दिखाया है। कंपनी की औसत प्रति उपयोगकर्ता आय ₹250 तक पहुंच गई है, और फ्री कैश फ्लो ₹14,300 करोड़ रहा है, जिसने कंपनी के कर्ज में ₹13,000 करोड़ की कमी की। कुल मिलाकर कंपनी की आय अधिकतम उम्मीदों से ऊपर रही, जो भारत और अफ्रीका दोनों क्षेत्रों में उसके संचालन की सफलता का परिचायक है।
प्रमोटर की हिस्सेदारी और कंपनी में स्थिति
अभी तक इंडियन कॉन्टिनेंट इन्वेस्टमेंट की एयरटेल में 2.47% हिस्सेदारी है, जो इस ब्लॉक डील के बाद गिरकर लगभग 1.67% रह जाएगी। हालांकि, प्रमोटर समूह के पास कुल रूप से कंपनी का 51 प्रतिशत से अधिक हिस्सा बना रहेगा। प्रमोटर समूह एयरटेल के नियंत्रण को मजबूत बनाए रखने के लिए विभिन्न इकाइयों के माध्यम से अपने शेयर नियंत्रित करता है।
विशेषज्ञों की राय और निवेशकों के लिए संकेत
विश्लेषकों के अनुसार, यह हिस्सेदारी बिक्री प्रमोटर समूह की वित्तीय रणनीति का हिस्सा हो सकती है, जिसमें वे अपने निवेश संतुलित करने और नए उद्यमों के लिए संसाधन जुटाने की योजना बना रहे हैं। वर्तमान में यह ब्लॉक डील जेफरीज और जेपी मॉर्गन इंडिया द्वारा प्रबंधित की जा रही है। इसे निवेशकों के बीच भारी रुचि मिलने की संभावना जताई जा रही है, हालांकि कुछ सामयिक दबाव भी स्टॉक पर पड़ सकते हैं।