केंद्रीय कर्मचारियों में नई उम्मीद जगी है क्योंकि 8वां वेतन आयोग जल्द ही गठित होने वाला है। कर्मचारियों का मानना है कि इससे उनके बेसिक वेतन, भत्तों और पेंशन में रुचिकर बढ़ोतरी होगी। पिछली बार 7वें वेतन आयोग ने वेतन व्यवस्था में बड़े बदलाव किए थे, लेकिन मौजूदा आर्थिक स्थितियों और महंगाई के मद्देनजर इस बार और भी बेहतर संशोधनों की उम्मीद की जा रही है।
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बेसिक वेतन में संभावित वृद्धि
8वें वेतन आयोग का मुख्य फोकस बेसिक वेतन को मौजूदा वित्तीय परिस्थितियों के अनुरूप संशोधित करना है। विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स और विशेषज्ञों के अनुसार, 8वें आयोग के तहत फिटमेंट फैक्टर (वेतन निर्धारण का गुणक) लगभग 1.8 से 2.86 के बीच हो सकता है, जिससे कर्मचारियों का बेसिक वेतन 30 से 34% तक बढ़ सकता है। इसका मतलब यह है कि यदि किसी कर्मचारी का वर्तमान बेसिक वेतन 20,000 रुपये है तो यह लगभग 57,200 रुपये तक पहुँच सकता है।
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भत्तों और महंगाई भत्ते (DA) में बदलाव की संभावना
नई सिफारिशों के आधार पर महंगाई भत्ते के ढांचे में व्यापक बदलाव किए जाने की संभावना है। फिलहाल महंगाई भत्ता बेसिक वेतन का करीब 55% है, लेकिन आयोग के प्रस्तावित सुधार के तहत इसे या तो रीसेट किया जा सकता है या फिर इसे सीधे बेसिक वेतन में समाहित कर दिया जाएगा। इसके अलावा, हाउस रेंट अलाउंस (HRA), ट्रैवल अलाउंस (TA) जैसे अन्य भत्तों का भी पुनरीक्षण हो सकता है ताकि कर्मचारियों की वास्तविक जीवन लागत के अनुरूप वेतन व्यवस्था हो सके।
पेंशन और रिटायरमेंट बेनिफिट्स में सुधार
8वें वेतन आयोग का एक महत्वपूर्ण पहलू पेंशन प्रणाली का सुधार भी है। वर्तमान में पेंशनधारियों की न्यूनतम पेंशन लगभग 9,000 रुपये है, जिसे नए आयोग के तहत लगभग 20,500 रुपये तक बढ़ाने की चर्चा है। इससे न केवल वर्तमान कर्मचारियों बल्कि सेवानिवृत्त केंद्रीय कर्मचारियों का जीवन स्तर भी सुधरेगा। समय पर पेंशन वितरण और इसके उचित समायोजन पर भी आयोग विशेष ध्यान देगा।
 
 
 







