14 अगस्त 2025 से मध्य प्रदेश में डायल 100 की जगह डायल 112 सेवा शुरू कर दी गई है। यह नई सेवा अत्याधुनिक तकनीक और तेज़ प्रतिक्रिया समय के साथ जनता की सुरक्षा को और बेहतर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे अंतराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में इसका शुभारंभ किया। अब डायल 112 प्रदेशभर के नागरिकों को पुलिस, फायर, एम्बुलेंस और अन्य आपातकालीन सेवाओं के लिए एकीकृत हेल्पलाइन नंबर के रूप में उपलब्ध होगी।
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डायल 112 सेवा के तकनीकी और कार्यात्मक फीचर्स
डायल 112 सिस्टम को इंटीग्रेटेड, स्मार्ट और बहुआयामी एजेंसी आधारित आपातकालीन प्रतिक्रिया सेवा के रूप में डिजाइन किया गया है। इसमें डेटा एनालिसिस, रियल-टाइम लोकेशन ट्रैकिंग, और IoT तकनीक का समावेश है जो न केवल आपात स्थिति का जवाब देती है बल्कि संभावित खतरों का पूर्वानुमान कर जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करती है। प्रति शिफ्ट 100 एजेंट क्षमता वाला नया कॉल सेंटर, SIP आधारित ट्रंक लाइन, उन्नत बिजनेस इंटेलिजेंस और MIS टूल सेवा की गुणवत्ता बढ़ाते हैं।
नई फ्लीट और उपकरणों से सुसज्जित वाहन
डायल 112 सेवा के तहत प्रदेश में 1200 नई बोलेरो नियो गाड़ियां तैनात की गई हैं, जो GPS, वायरलेस, डिजिटल नेविगेशन और लाइव लोकेशन ट्रैकिंग से लैस हैं। ये फर्स्ट रिस्पॉन्स व्हीकल (FRV) कॉल आने पर तेज़ी से घटनास्थल पर पहुंचकर पुलिस या एम्बुलेंस जैसी सहायता प्रदान करेंगी। इन वाहनों में डैशबोर्ड कैमरा और बॉडी वॉर्न कैमरा भी लगाए गए हैं, जिससे कार्रवाई की पारदर्शिता और प्रभावशीलता सुनिश्चित होगी।
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डायल 100 से डायल 112 की विरासत और सुधार
डायल 100 सेवा की शुरुआत 2015 में हुई थी, जो भारत की पहली राज्यव्यापी पुलिस आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली थी। तब से यह सेवा प्रदेशभर में लगभग 1000 GPS-सक्षम गाड़ियों के जरिए तेज़ और प्रभावी पुलिस सहायता प्रदान करती रही। अब डायल 112 इस विरासत को आगे बढ़ाते हुए बेहतर तकनीक, एकीकृत एजेंसी समन्वय और तेजी से जवाब देने की क्षमता लेकर आई है, जिससे प्रतिक्रिया समय औसतन काफी कम होगा और सहायता और अधिक प्रभावी होगी।
नागरिकों की सुरक्षा में डायल 112 का प्रभाव
डायल 112 की नई प्रणाली महिला, बच्चे, वरिष्ठ नागरिकों सहित सभी वर्गों की सुरक्षा के लिए विशेष रूप से डिजाइन की गई है। इसमें गोपनीयता बनाए रखने के लिए नंबर मास्किंग, मोबाइल ऐप्स, चैटबॉट संवाद और शिकायत ट्रैकिंग की सुविधा भी है। कॉल सेंटर पर प्रशिक्षित स्टाफ प्रत्येक आपातकालीन कॉल का त्वरित जवाब देता है, और घटनास्थल पर पहुंचने वाले कर्मी मानक संचालन प्रक्रियाओं के तहत कार्रवाई करते हैं।
 
 
 







