आज पूरे देश में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व बड़े ही श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। मंदिरों से लेकर घर-आंगन तक भगवान श्रीकृष्ण के भव्य झूले और झांकियां सजाई गई हैं। उत्तर प्रदेश के मथुरा और वृंदावन में तो इस अवसर पर विशेष रौनक देखने को मिल रही है, जहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचकर दर्शन कर रहे हैं। पुलिस और प्रशासन ने भी श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए विशेष प्रबंध किए हैं।
इतिहास में दर्ज है भगवान का अलौकिक जन्म
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। माना जाता है कि उस रात देवकी और वासुदेव के कारागार में कन्हैया ने जन्म लिया था। जन्म के तुरंत बाद ही वासुदेव ने नवजात कृष्ण को यमुनापार गोकुल पहुंचाया था, जो नंद-यशोदा के घर पले-बढ़े। तभी से इस दिन को जन्माष्टमी के रूप में मनाने की परंपरा चली आ रही है।
मंदिरों में गूंज रहे भजन और कीर्तन
देशभर के प्रमुख कृष्ण मंदिरों में सुबह से ही विशेष पूजा-अर्चना और झांकी सजाने का सिलसिला जारी है। वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर और मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर में भव्य सजावट की गई है। भक्तगण “हरे कृष्ण हरे राम” के भजनों में लीन होकर नाचते-गाते दिखाई दे रहे हैं। रात में ठीक 12 बजे श्रीकृष्ण जन्म महाआरती का आयोजन होगा, जिसे देखने के लिए हर वर्ष लाखों श्रद्धालु उमड़ पड़ते हैं।
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दही-हांडी की परंपरा से गूंज रही गलियां
महाराष्ट्र और गुजरात सहित कई राज्यों में जन्माष्टमी पर दही-हांडी की परंपरा बेहद लोकप्रिय है। इस दिन युवाओं की टोली पिरामिड बनाकर ऊंचाई पर लटकी हांडी फोड़ती है। इसे माखनचोरी की लीलाओं से जोड़कर देखा जाता है। मुंबई और पुणे में इस अवसर पर गोविंदा पथकों के बीच प्रतियोगिताएं होती हैं, जहां लाखों रुपये के इनाम भी रखे जाते हैं। इस बार भी प्रशासन ने सुरक्षा की दृष्टि से सभी आयोजनों पर विशेष नजर रखी है।
उपवास और व्रत का महत्व
जन्माष्टमी के दिन भक्त उपवास और व्रत रखते हैं। दिनभर फलाहार कर देर रात भगवान के जन्म के समय प्रसाद ग्रहण किया जाता है। शास्त्रों में इसके पीछे यह तर्क दिया गया है कि उपवास से शरीर और मन शुद्ध रहते हैं और व्यक्ति अधिक एकाग्रता के साथ ध्यान और भक्ति कर पाता है। इस दिन किए गए जाप और पाठ का फल कई गुना अधिक मिलता है। यही कारण है कि भक्त बड़ी श्रद्धा से इस नियम का पालन करते हैं।
 
 
 







