Muslim youth praying for Premanand Ji Maharaj health- वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद जी महाराज की तबीयत वर्तमान में स्थिर है, हालांकि वे गंभीर किडनी समस्या से जूझ रहे हैं। उनकी दोनों किडनियां फेल हो चुकी हैं और उन्हें रोजाना डायलिसिस की आवश्यकता पड़ रही है। यह बीमारी पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज के कारण हुई है, जो कई वर्षों से चली आ रही है। इसके बावजूद वे सचेत और अपनी नियमित दिनचर्या जैसे सत्संग और पदयात्रा को जारी रखे हुए हैं, जिससे उनकी सुधार की स्थिति साफ़ झलकती है। महाराज ने अपने स्वास्थ्य के बारे में एक वीडियो संदेश भी जारी किया है, जिसमें उन्होंने प्रार्थनाओं और भक्ति का धन्यवाद किया है और बताया कि वे धीरे-धीरे ठीक हो रहे हैं.
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फर्जी खबरों पर संत की प्रतिक्रिया
संत प्रेमानंद जी महाराज ने उन अफवाहों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है जो सोशल मीडिया पर उनकी खराब तबीयत और मृत्यु को लेकर फैल रही थीं। उन्होंने कहा कि ऐसी खबरें केवल व्यूज़ के लिए फैलाई जा रही हैं, लेकिन इससे किसी तरह की मुक्ति या लाभ नहीं मिलेगा। आश्रम प्रशासन ने भी भक्तों से अपील की है कि वे केवल आधिकारिक समाचारों पर विश्वास करें और अफवाहों से बचें। महाराज की इस प्रतिक्रिया से उनके सच्चे समर्थकों को राहत मिली है और उनकी दुआओं का दौर जारी है.
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हरिद्वार में मुस्लिम युवाओं ने की दुआ
देशभर में संत प्रेमानंद जी महाराज की सेहत के लिए दुआओं का सिलसिला जारी है। खासतौर पर हरिद्वार के पिरान कलियर में मुस्लिम युवाओं ने दरगाह साबिर पाक में महाराज की सलामती के लिए चादर चढ़ाई और विशेष दुआ की। पिरान कलियर शरीफ दरगाह, जो देश की दूसरी सबसे बड़ी दरगाह मानी जाती है, धार्मिक सद्भाव और भाईचारे का सजीव उदाहरण है। यहां हर धर्म के लोग अपनी मन्नतें लेकर आते हैं और साधना तथा भक्ति की इस जगह से सभी को शांति मिलती है। यह आयोजन दोनों धर्मों के बीच एकता और प्रेम को दर्शाता है, जहां मुस्लिम समुदाय ने प्रेमानंद महाराज के स्वास्थ्य की कामना की.
पिरान कलियर की दरगाह की महत्ता
हरिद्वार से करीब 30 किलोमीटर दूर स्थित पिरान कलियर शरीफ दरगाह हजरत साबिर पाक का पवित्र स्थान है, जहां हिंदू-मुस्लिम सभी श्रद्धालु अपनी मन्नतें लेकर आते हैं। यह दरगाह केवल धार्मिक स्थल ही नहीं, बल्कि सामाजिक एकता का प्रतीक भी है। यहां भूत-प्रेतों को दी जाने वाली विशेष फांसी की प्रथा भी है, जो इसे अद्वितीय बनाती है। धार्मिक श्रद्धा और सद्भाव के इस केंद्र में हर साल हजारों श्रद्धालु आते हैं और अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति की कामना करते हैं। दुआओं एवं चादर चढ़ाने की मान्यता यहां गहरी है, जो लोगों के लिए शांति और प्रेरणा का स्रोत है.






