करवा चौथ हिंदू धर्म में एक अत्यंत महत्वपूर्ण व्रत माना जाता है, जिसे खासतौर पर विवाहित महिलाएं पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना के लिए निर्जला (अन्न-जल वर्जित) व्रत के रूप में रखती हैं। यह व्रत सूर्योदय से शुरू होकर रात में चंद्रमा के दर्शन तक चलता है। मान्यता है कि इस उपवास का पालन करने से पति का जीवन लंबा होता है और उनकी खुशहाली बनी रहती है।
100 रुपये तक स्टाइलिश हेयर एक्सेसरीज से दिखें खुबसूरत, आज ही ट्राई करें.
करवा चौथ व्रत की पौराणिक पृष्ठभूमि
करवा चौथ व्रत की उत्पत्ति पौराणिक कथाओं से जुड़ी हुई है। कहा जाता है कि माता पार्वती ने भगवान शिव की लंबी आयु के लिए यह व्रत शुरू किया था। इसके अलावा, वीरवती और सावित्री जैसी कथाएं भी इस व्रत से जुड़ी हैं, जिन्होंने अपने अटूट प्रेम और श्रद्धा से अपने पति को जिंदा किया। यही वजह है कि करवा चौथ सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि प्रेम और समर्पण का प्रतीक बन गया है।
व्रत का पालन और नियम
करवा चौथ व्रत का पालन बेहद कठिन माना जाता है क्योंकि दिनभर अन्न और जल दोनों का सेवन वर्जित होता है। दिन की शुरुआत सरगी से होती है, जो सास द्वारा बहू को सूर्योदय से पहले दी जाती है। इसमें फल, मिठाइयां, सूखे मेवे और अन्य पौष्टिक सामग्री शामिल होती है। महिलाएं सुबह स्नान कर अपने सबसे सुंदर वस्त्र धारण करती हैं और पूजा सामग्री के साथ पूजन स्थल पर बैठती हैं। शाम को चंद्रमा के दर्शन के बाद छलनी से पहले चंद्रमा और फिर पति का चेहरा देखती हैं और पति के हाथ से पानी पीकर व्रत खोलती हैं।
करवा चौथ 2025 का महत्व और शुभ मुहूर्त
इस वर्ष करवा चौथ 10 अक्टूबर को मनाया जाएगा। पंचांग के अनुसार इस दिन का शुभ मुहूर्त शाम में चंद्रमा के दिखने के समय के अनुरूप तय किया जाता है। महिलाएं इसी शुभ मुहूर्त में व्रत का पारण करती हैं। ज्योतिष के मुताबिक, इस दिन लाल, गुलाबी, पीले और हरे रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है, जबकि काले एवं सफेद रंग का उपयोग वर्जित होता है। व्रत का शुभ फल पाने के लिए पवित्रता और श्रद्धा पूर्वक सभी नियमों का पालन बेहद आवश्यक होता है।
व्रत रखने वाली महिलाओं के लिए सुझाव
करवा चौथ का व्रत पहली बार रखने वाली महिलाओं के लिए कुछ खास सावधानियां जरूरी होती हैं। उन्हें सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए, और बिना सरगी खाए व्रत नहीं रखना चाहिए, क्योंकि इसके बिना व्रत अधूरा माना जाता है। निर्जला व्रत होने के कारण पानी न पीना मुश्किल हो सकता है, इसलिए शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए दिन भर हलकों में आराम करना आवश्यक है। इसके अलावा महिलाएं इस दिन हल्का व्यायाम करें और तनाव से दूर रहें। व्रत खोलने से पहले चंद्रमा की नजर लगना जरूरी है, इसके बिना व्रत खोलना अशुभ माना जाता है।
 
 
 







