होम Best Offer लाइफस्टाइल नेशनल न्यूज मध्य प्रदेश लोकल न्यूज टेक्नोलॉजी बिजनेस अन्य
Latest news

Ganesh Chaturthi 2025 Puja Muhurat-गणेश चतुर्थी पूजन मुहूर्त, विधि, मंत्र और लाभ

By: विकाश विश्वकर्मा

On: Tuesday, August 26, 2025 6:48 PM

Ganesh Chaturthi 2025 Puja Muhurat
Google News
Follow Us
---Advertisement---

Ganesh Chaturthi 2025 Puja Muhuratगणेश चतुर्थी भारतीय संस्कृति का वह पर्व है जिसे हर उम्र, हर वर्ग और हर समाज उल्लासपूर्वक मनाता है। भाद्रपद मास की शुक्ल चतुर्थी को भगवान गणेश पृथ्वी लोक पर विराजमान होते हैं और भक्तों के कष्ट हरते हैं। इस दिन का महत्व केवल धार्मिक अनुष्ठानों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह त्योहार लोगों को आपसी सद्भाव, विश्वास और एकता की सीख भी देता है। सबसे खास है इस दिन का पूजन मुहूर्त, क्योंकि सही समय पर की गई पूजा न सिर्फ अध्यात्मिक लाभ देती है, बल्कि जीवन की बाधाओं को भी दूर करने का मार्ग खोलती है।

 गणेश चतुर्थी पूजन मुहूर्त: श्रद्धा और शास्त्रीय समय

सकारात्मक पक्ष: सही मुहूर्त में पूजा करने से मनोकामनाएँ पूरी होती हैं और परिवार में सुख-शांति आती है।
नकारात्मक पक्ष: अगर समय की अनदेखी हो, तो कई भक्त मन में अधूरापन महसूस करते हैं।

2025 में गणेश चतुर्थी 27 अगस्त, बुधवार को मनाई जाएगी। पंचांग के अनुसार, चतुर्थी तिथि सुबह 11:08 बजे से अगले दिन 28 अगस्त को सुबह 08:42 बजे तक रहेगी।

  • मध्याह्न पूजन का शुभ समय: 11:25 AM से 01:50 PM तक (27 अगस्त 2025)

 पूजन विधि: शुरुआत कैसे करें

सकारात्मक पक्ष: विधिपूर्वक पूजा से समर्पण और संतोष की भावना उत्पन्न होती है।
नकारात्मक पक्ष: जल्दबाजी या गलत क्रम से पूजा करने पर भक्त अनुभव करते हैं कि संतुष्टि अधूरी रह जाती है।

पूजन की शुरुआत घर-आंगन को शुद्ध करने और गंगाजल छिड़कने से करें। लकड़ी के पाटे पर लाल वस्त्र बिछाएँ और उस पर भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें। कलश में जल भरकर आम के पत्ते और नारियल रखें। फिर दीपक जलाकर गणेशजी का आह्वान करें।

हर महिला की फैशन साथी जीन्स का अनोखा पैटर्न

प्रतिमा स्थापना की विधि

सकारात्मक पक्ष: सही दिशा और व्यवस्था में प्रतिमा स्थापित करने से घर का वातावरण सकारात्मक होता है।
नकारात्मक पक्ष: गलत दिशा में स्थापना करने से भक्तों का मन असमंजस में पड़ सकता है।

गणेश प्रतिमा को उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) या पूर्व दिशा में स्थापित करना सबसे शुभ माना गया है। गणेशजी को सिंदूर, दूर्वा, पुष्प और मोदक अर्पित करें। प्राणप्रतिष्ठा मंत्र पढ़कर भगवान को विराजमान करें।

कड़ा पायल डिजाइन आपके पैरों की खूबसूरती में लगाएंगे चार चांद, देखें डिजाइन|

पूजन मंत्र और स्तुति

सकारात्मक पक्ष: मंत्रोच्चार से वातावरण पवित्र होता है और श्रद्धालुओं को आत्मिक शांति मिलती है।
नकारात्मक पक्ष: गलत उच्चारण या अनमनी श्रद्धा से अनुभव अधूरा हो सकता है।

  • ध्यान मंत्र:
    “ॐ गणानां त्वा गणपतिं हवामहे कविं कवीनामुपमश्रवस्तमम्।”
  • मूल मंत्र:
    “ॐ गं गणपतये नमः।”
  • प्रसिद्ध श्लोक:
    “वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥”

पूजन के पश्चात आरती करें और सामूहिक भक्ति का माहौल बनाएं।

Ganesh Chaturthi 2025 Puja Muhurat
Ganesh Chaturthi 2025 Puja Muhurat

भोग और प्रसाद

सकारात्मक पक्ष: मोदक और दूर्वा का भोग गणपति बप्पा को अत्यंत प्रिय है।
नकारात्मक पक्ष: बिना श्रद्धा लगाए गए भोग से मानसिक शांति अधूरी रह सकती है।

गणेशजी को 21 दूर्वा दल और मोदक/लड्डू अवश्य चढ़ाएँ। प्रसाद घर के सभी सदस्यों और आस-पड़ोस में बांटना मंगलकारी माना गया है।

 गणेश पूजन के लाभ

सकारात्मक पक्ष: जीवन की बाधाएँ दूर होती हैं और आत्मविश्वास बढ़ता है।
नकारात्मक पक्ष: बिना सच्ची श्रद्धा पूजा करने पर अनुभव परिपूर्ण नहीं होता।

अनुभवी भक्त कहते हैं कि गणपति पूजन से घर-परिवार में शांति आती है, व्यवसाय में सफलता मिलती है और शिक्षा में एकाग्रता बढ़ती है। यह पर्व नई शुरुआत और सकारात्मक सोच का प्रतीक है।

Ganesh Chaturthi 2025 Puja Muhurat
Ganesh Chaturthi 2025 Puja Muhurat

व्रत का महत्व

सकारात्मक पक्ष: व्रत आत्मसंयम सिखाता है और अध्यात्मिक ऊर्जा प्रदान करता है।
नकारात्मक पक्ष: केवल परंपरा निभाने के लिए किया गया व्रत अधूरा माना जाता है।

गणेश चतुर्थी व्रत रखने वाला भक्त फलाहार करता है और दिनभर गणपति स्मरण में रहता है। यह व्रत मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति देता है।

 सामूहिक गणेशोत्सव का अनुभव

सकारात्मक पक्ष: सामूहिक पूजन समाज में एकता और भाईचारे को बढ़ावा देता है।
नकारात्मक पक्ष: भीड़ और शोर-शराबा कभी-कभी पूजा की पवित्रता को कम कर देता है।

आजकल बड़े पैमाने पर सोसाइटी और मोहल्लों में उत्सव मनाया जाता है। इससे सामाजिक समरसता बढ़ती है और यह पर्व सांस्कृतिक उत्सव का रूप ले चुका है।

गणेश चतुर्थी पर क्या न करें (Do’s & Don’ts)

सकारात्मक पक्ष: वर्जनाओं का पालन पूजा को शुद्ध और फलदायी बनाता है।
नकारात्मक पक्ष: लापरवाही या अनुचित कार्य पूजा का प्रभाव घटा सकते हैं।

  • प्रतिमा को गलत दिशा में स्थापित न करें।
  • मांस-मद्य या नशीले पदार्थ ग्रहण न करें।
  • पूजा में लौकी, ककड़ी और तुलसी का उपयोग न करें, यह वर्जित है।
  • किसी भी जीव-जंतु को कष्ट न पहुँचाएँ।
  • गणेशजी की स्थापना कर बीच में घर छोड़कर न जाएँ।

विकाश विश्वकर्मा

नमस्कार! मैं विकाश विश्वकर्मा हूँ, एक फ्रीलांस लेखक और ब्लॉगर। मेरी रुचि विभिन्न विषयों पर लिखने में है, जैसे कि प्रौद्योगिकी, यात्रा, और जीवनशैली। मैं अपने पाठकों को आकर्षक और जानकारीपूर्ण सामग्री प्रदान करने का प्रयास करता हूँ। मेरे लेखन में अनुभव और ज्ञान का मिश्रण होता है, जो पाठकों को नई दृष्टि और विचार प्रदान करता है। मुझे उम्मीद है कि मेरी सामग्री आपके लिए उपयोगी और रोचक होगी।
For Feedback - Feedback@shopingwoping.com.com

Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now
Slide Up
x