सोमवार की रात देश की राजनीति में अचानक हलचल मच गई जब उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफे की घोषणा कर दी। उन्होंने रात में बिना किसी पूर्व सूचना के राष्ट्रपति भवन पहुंचकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना त्यागपत्र सौंप दिया। इस अप्रत्याशित कदम से संसद और राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई। जानकारी के अनुसार, दिनभर वे संसद के मॉनसून सत्र में सक्रिय रहे थे, लेकिन अचानक रात को यह फैसला लिया।
स्वास्थ्य कारण और व्यक्तिगत प्राथमिकता
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने इस्तीफे का कारण स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों को बताया है। उन्होंने कहा है कि चिकित्सकों की सलाह पर वे संवैधानिक पद से तुरंत इस्तीफा दे रहे हैं, ताकि वह अपने स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित कर सकें। साथ ही उन्होंने देश के सभी नागरिकों, संसद सदस्यों तथा मंत्रिपरिषद के सहयोग के लिए आभार जताया।
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इस्तीफे की त्वरित स्वीकार्यता
धनखड़ द्वारा दिया गया इस्तीफा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने तुरंत स्वीकार कर लिया। इसके बाद इस्तीफे की सूचना औपचारिक रूप से गृह मंत्रालय द्वारा संसद सचिवालय और राज्यसभा को दे दी गई। अब राज्यसभा में उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह अस्थायी तौर पर सभापति का कार्यभार संभालेंगे, जब तक कि नया उपराष्ट्रपति निर्वाचित नहीं हो जाता।
नेताओं की प्रतिक्रिया और राजनीतिक विश्लेषण
प्रधानमंत्री सहित देश के कई राजनीतिक नेताओं ने जैगदीप धनखड़ के लिए शुभकामनाएं प्रेषित कीं और उनके योगदान को सराहा। वहीं विपक्ष के नेताओं ने इस अप्रत्याशित घटनाक्रम पर सवाल भी उठाए। कुछ नेताओं ने कहा कि इस्तीफे की टाइमिंग और अचानकता के कारण इससे जुड़े अन्य कारणों की भी संभावना जताई जा रही है।
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संवैधानिक प्रक्रिया: नई नियुक्ति कब होगी?
संविधान के अनुसार, उपराष्ट्रपति पद के खाली होने पर आवश्यक है कि जल्द से जल्द चुनाव की प्रक्रिया आरंभ की जाए। आगामी कुछ दिनों में नए नामों पर मंथन शुरू होने की संभावना है। तब तक राज्यसभा के उपसभापति ही सदन के कार्यवाहक अध्यक्ष बने रहेंगे।
धनखड़ का राजनीतिक करियर
जगदीप धनखड़ ने अगस्त 2022 में उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली थी। इससे पहले वे पश्चिम बंगाल के राज्यपाल और एक प्रतिष्ठित वकील के रूप में अपनी पहचान बना चुके हैं। महज दो वर्ष से भी कम समय में उनका इस्तीफा, देश की संवैधानिक राजनीति में एक अहम घटनाक्रम के रूप में दर्ज हो गया है। धनखड़ ने अपने कार्यकाल के दौरान कई अहम फैसलों और चर्चाओं में सक्रिय भूमिका निभाई थी।
 
 
 







