कोल्हापुरी चप्पल ना सिर्फ फैशन का हिस्सा हैं बल्कि भारतीय हस्तशिल्प की पहचान भी हैं। ये चप्पल पारंपरिक और मॉडर्न दोनों पहनावे के लिए उपयुक्त हैं और हर उम्र के लोगों में पसंद की जाती हैं। सही रखरखाव से ये चप्पल कई सालों तक टिकती हैं और पहनने वाले के पैर के अनुसार ढल जाती हैं, जिससे आराम भी मिलता है।
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1. पारंपरिक कोल्हापुरी चप्पल
कोल्हापुरी चप्पल महाराष्ट्र के कोल्हापुर शहर से निकली एक हस्तशिल्प कला है। ये चप्पल उच्च गुणवत्ता वाली चमड़े से हाथों से बनाए जाते हैं। इसकी खासियत इसका सादगी और टिकाऊपन है, जो इसे लंबे समय तक चलने वाला बनाता है। पारंपरिक डिजाइन में टी-स्ट্রैप और उंगली के लिए लूप होता है जो पैरों को आरामदायक पकड़ देता है।

2. कोल्हापुरी वेजेज़ चप्पल
यह चप्पल स्टाइल में मॉडर्न हैं लेकिन पारंपरिक कला और डिजाइनों पर आधारित हैं। इसके वेज हील डिज़ाइन से यह पहनने में आरामदायक होते हुए भी एक अलग फैशनेबल लुक देते हैं। फेस्टिव या पार्टी वियर के लिए यह एक बढ़िया विकल्प है, खासकर उन लोगों के लिए जो ऊंचाई बढ़ाना चाहते हैं।

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3. डेकोरेटिव स्ट्रैप्स वाली कोल्हापुरी सैंडल
इस डिजाइन की चप्पल में कई स्ट्रैप्स होते हैं जिन्हें सुंदर कढ़ाई, मोज़ेक या मोती से सजाया जाता है। यह न केवल आरामदेह होती हैं बल्कि स्टाइलिश भी लगती हैं। ऐसे चप्पल किसी भी पारंपरिक या फ्यूजन आउटफिट के साथ शानदार दिखते हैं।

4. कोल्हापुरी जूती स्टाइल चप्पल
यह चप्पल जूती और चप्पल का फ्यूजन होती है। इसमें ऊपर की हिस्से को जूती जैसा डिज़ाइन दिया जाता है और नीचे चप्पल की सुविधा मिलती है। यह आरामदायक होने के साथ-साथ स्टाइल और परंपरा का बेहतरीन मिश्रण है। टिकाऊ सामग्री और खास कारीगरी इसे लोकप्रिय बनाती हैं।

 
 
 







