mp news live today latest updates-मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर छिंदवाड़ा प्रकरण में आज सुबह अहम फैसले लिए गए। कोल्ड्रिफ सिरप से हुई मौतों और स्वास्थ्य संबंधी गंभीर लापरवाहियों की जांच में दोषी पाए गए तीन अधिकारियों गौरव शर्मा (औषधि निरीक्षक, छिंदवाड़ा), शरद कुमार जैन (औषधि निरीक्षक, जबलपुर) और शोभित कोस्टा (उप संचालक, खाद्य एवं औषधि प्रशासन) को निलंबित कर दिया गया। इसके साथ ही ड्रग कंट्रोलर दिनेश मौर्य को अन्यत्र स्थानांतरित किया गया।
राज्यव्यापी सिरप प्रतिबंध और स्टॉक जप्त
मुख्यमंत्री निवास में उच्च स्तरीय बैठक में डॉ. यादव ने स्पष्ट कहा कि मानव जीवन की सुरक्षा से जुड़े मामलों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कोल्ड्रिफ सिरप के सभी मौजूदा स्टॉक जप्त कराकर उसके विक्रय पर प्रदेशव्यापी पाबंदी लगाने का आदेश दिया। छिंदवाड़ा और आसपास के जिलों में जिन परिवारों ने यह सिरप लिया है, उनके घरों से दवा रिकवर करने के लिए व्यापक अभियान शुरू करने का भी निर्देश जारी किया।
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रिटेलर्स और चिकित्सकों पर दबाव
डॉ. यादव ने चार वर्ष से कम उम्र के बच्चों को किसी भी मिश्रित दवा के उपयोग पर रोक के प्रावधान का पालन न करने वाले चिकित्सकों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने को कहा। इंडियन एसोसिएशन ऑफ पैडियाट्रिक्स, चिकित्सकों और केमिस्ट एसोसिएशनों के सहयोग से जागरूकता कार्यक्रम चलाकर आम जनता व स्वास्थ्यकर्मियों को सावधानी बरतने के उपाय बताए जाएंगे।
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जाँच और परीक्षण कार्य शुरू
बैठक में यह भी बताया गया कि नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल और सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन की टीमों ने छिंदवाड़ा में पहुंचकर सैंपल परीक्षण शुरू कर दिया है। गंभीर मामलों के रोगियों के नमूने पुणे स्थित प्रयोगशाला भेजे गए हैं, जबकि प्रभावित मरीजों की सूची तैयार कर उन्हें आगे के इलाज के लिए शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय नागपुर रैफर किया जा रहा है।
केंद्र सरकार से समन्वय का आदेश
मुख्यमंत्री ने तमिलनाडु सरकार को निर्माता कंपनी के खिलाफ कार्रवाई के लिए घटनाक्रम से अवगत कराने के निर्देश भी जारी किए, जहां के ड्रग कंट्रोलर ने जाँच में सिरप के नमूने अमान्य पाए जाने पर प्रदेश में इसके विक्रय पर प्रतिबंध लगाया था। इसके अतिरिक्त, उन डॉक्टरों पर एफआईआर दर्ज करने और सस्पेंड करने का रास्ता साफ किया गया, जिन्होंने बिना सावधानी के यह दवा प्रिस्क्राइब की थी।
वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में निर्णय
इस कार्यवाही में उप मुख्यमंत्री एवं लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री राजेंद्र शुक्ल, राज्यमंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल, मुख्य सचिव अनुराग जैन, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य संदीप यादव सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। उनकी मौजूदगी ने इस कार्रवाई की गंभीरता को स्पष्ट किया।
पारदर्शिता और जवाबदेही का संकल्प
इस कदम से स्पष्ट रूप से संदेश गया है कि स्वास्थ्य सेवाओं में जानबूझकर की गई लापरवाही और भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरकार ने समूचे व्यवस्था में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने का संकल्प दोहराया है, ताकि भविष्य में किसी भी नागरिक की जान जोखिम में न पड़े।
 
 
 







