मेरठ-करनाल हाईवे स्थित भूनी टोल प्लाजा पर भारतीय सेना के जवान कपिल सिंह और उनके भाई शिवम के साथ हुए मारपीट की घटना के बाद क्षेत्र में जबरदस्त आक्रोश देखने को मिला। यह घटना 17 अगस्त की रात हुई जब कपिल, श्रीनगर में नौकरी करने के बाद छुट्टी पूरी कर दिल्ली एयरपोर्ट जा रहे थे। टोल पर लंबी कतार के कारण उन्होंने कर्मचारियों से जल्दी निकलने का आग्रह किया, जिससे विवाद ने हिंसात्मक रूप ले लिया।
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टोलकर्मियों ने उनका आर्मी पहचान पत्र फेंक दिया और उन दोनों को खंभे से बांधकर लाठी, डंडों व लोहे की रॉड से बेरहमी से पीटा। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही गांववालों में गुस्सा बढ़ गया, और सैकड़ों ग्रामीण टोल प्लाजा पर पहुंचकर हंगामा व तोड़फोड़ करने लगे। अधिकारियों ने आठ थानों की फोर्स मौके पर तैनात की।
सेना की नाराजगी और स्थानीय जनप्रतिनिधियों का विरोध
मारपीट की घटना के बाद सेना ने कड़ी नाराजगी जताई और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। पूर्व विधायक संगीत सोम भी ग्रामीणों के समर्थन में टोल प्लाजा पर धरने पर बैठ गए, और टोल प्लाजा को हटाने की की मांग की गई। टोल कर्मियों की करतूत पर सार्वजनकि मंचों पर भी तीव्र विरोध सामने आया, जिससे स्थानीय प्रशासन पर कड़ी कार्रवाई का दबाव बना रहा।
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एनएचएआई का बड़ा एक्शन: एजेंसी पर ₹20 लाख का जुर्माना
घटना को गंभीर मानते हुए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने टोल संग्रह करने वाली एजेंसी, मेसर्स धरम सिंह एंड कंपनी पर ₹20 लाख का जुर्माना ठोक दिया है। एनएचएआई ने स्पष्ट किया कि ऐसे व्यवहार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और कंपनी का अनुबंध समाप्त करने के साथ-साथ उसे भविष्य में टोल प्लाजा की किसी भी बोली में भाग लेने से भी प्रतिबंधित किया जाएगा। इस संबंध में प्रक्रिया शुरू कर दी गई है जिससे इस एजेंसी को ब्लैकलिस्ट किया जाएगा। एनएचएआई ने टोल प्लाजा कर्मचारियों के व्यवहार की कड़ी निंदा भी की है।
 
 
 







