नवंबर 2012 का समय दक्षिण एशियाई कूटनीतिक रिश्तों के लिहाज से बेहद अहम साबित हुआ था। उस वक्त पाकिस्तान की विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने ढाका का दौरा किया था। परंतु उस यात्रा के बाद काफी लंबे समय तक ढाका और इस्लामाबाद के बीच उच्चस्तरीय वार्ताओं का सिलसिला ठहरा रहा।
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13 साल बाद फिर से बने रिश्तों के पुल
करीब 13 वर्षों के अंतराल के बाद पाकिस्तान के एक शीर्ष पदाधिकारी का दौरा बांग्लादेश में हुआ है। पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार ढाका पहुंचे हैं, जिसे दक्षिण एशियाई राजनीति में एक नए अध्याय की शुरुआत माना जा रहा है। यह यात्रा न केवल कूटनीतिक स्तर पर अहम है, बल्कि क्षेत्रीय सहयोग और आर्थिक संबंधों को मज़बूती देने की दिशा में भी एक संकेतक के रूप में देखी जा रही है।
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क्षेत्रीय राजनीति में महत्व
विशेषज्ञों का कहना है कि लंबे अंतराल के बाद इस तरह की उच्च स्तरीय मुलाकात दोनों देशों के लिए अवसर लेकर आई है। बांग्लादेश और पाकिस्तान दोनों ही दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) के सदस्य हैं। हालांकि पिछले एक दशक के दौरान सार्क की गतिविधियां अपेक्षाकृत धीमी पड़ीं, लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर ढाका और इस्लामाबाद के बीच तालमेल सुधरता है तो क्षेत्रीय कूटनीति एक बार फिर सक्रिय हो सकती है।
 
 
 







