दिल्ली में आयोजित ‘भागीदारी न्याय महासम्मेलन’ में राहुल गांधी ने पहली बार सार्वजनिक रूप से इस बात को स्वीकारा कि वह ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) के अधिकारों की उतनी रक्षा नहीं कर सके जितनी जिम्मेदारी उनसे अपेक्षित थी। इस कार्यक्रम में राहुल गांधी ने कहा, “जातिगत जनगणना ना करवा पाना मेरी गलती है, और अब इसे सुधारना चाहता हूँ।” राहुल गांधी की यह स्वीकृति राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गई है, खासकर ऐसे माहौल में जब ओबीसी वर्ग की भागीदारी और अधिकार को लेकर राष्ट्रीय बहस चल रही है।
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कांग्रेस शासित राज्यों में जातिगत जनगणना का वादा
राहुल गांधी ने मंच से घोषणा की कि अब कांग्रेस शासित सभी राज्यों में जातिगत जनगणना करवाई जाएगी। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि यह कदम सामाजिक न्याय को मजबूत करने के लिए जरूरी है। तेलंगाना राज्य में हाल ही में सम्पन्न जातिगत सर्वेक्षण का उल्लेख करते हुए राहुल गांधी ने इसे “सामाजिक न्याय के लिए ऐतिहासिक कदम” बताया। उनका मानना है कि जातिगत आंकड़े सामने लाने से नीतिगत निर्णयों में पारदर्शिता आएगी और वास्तविक सामाजिक भागीदारी सुनिश्चित होगी।
अभूतपूर्व आत्ममंथन और समाज के प्रति ज़िम्मेदारी
राहुल गांधी ने अपने भाषण में पार्टी के पिछले दस-पंद्रह वर्षों की कार्यशैली का ईमानदारी से मूल्यांकन किया। उन्होंने माना कि दलितों, आदिवासियों और महिलाओं के अधिकारों के मुद्दे पर कांग्रेस मजबूत रही, लेकिन ओबीसी के लिए जितना किया जाना चाहिए था, उसमें कमी रह गई। इस स्वीकारोक्ति के साथ उन्होंने यह भी कहा कि इसी कमी की वजह से भाजपा को ओबीसी वर्ग में मजबूत पकड़ बनाने का अवसर मिल गया। उन्होंने पार्टी को सलाह दी कि उसे अब सभी समुदायों के प्रति संवेदनशील और निष्पक्ष होना चाहिए।
आरएसएस-बीजेपी पर लगाया ऐतिहासिक चेतना मिटाने का आरोप
अपने संबोधन में राहुल गांधी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर भी गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि भाजपा और आरएसएस ने ओबीसी की ऐतिहासिक पहचान को मिटाने का प्रयास किया है। राहुल गांधी ने जोर देकर कहा कि ओबीसी, दलित और आदिवासी देश की उत्पादक शक्ति का आधार हैं, लेकिन उन्हें अभी तक उनके श्रम का उचित सम्मान नहीं मिला है।
तेलंगाना मॉडल की सराहना, राष्ट्रीय विस्तार की मांग
तेलंगाना में हुई सामाजिक-आर्थिक, शैक्षिक और राजनीतिक सर्वेक्षण की सार्थकता को रेखांकित करते हुए राहुल गांधी ने “तेलंगाना मॉडल” की पूरे देश में मांग की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासित राज्यों में जातिगत जनगणना करके केंद्र पर भी दबाव बनाया जाएगा कि पूरे भारत में यह मॉडल लागू हो। कांग्रेस का दावा है कि इसी मॉडल की वजह से तेलंगाना में सामाजिक न्याय मजबूत हुआ है और अब यह अनुभव दूसरी जगह भी दोहराया जाएगा।
विपक्ष में नई दिशा की तलाश
कार्यक्रम के दौरान पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी बातचीत की और कांग्रेस को सभी समाज के लिए संघर्ष करने वाली पार्टी बताया। उन्होंने विरोधियों को निशाना बनाते हुए कहा कि आज कुछ ताकतें कांग्रेस पार्टी की छवि धूमिल करने का प्रयास कर रही हैं, लेकिन कांग्रेस सामाजिक न्याय के एजेंडे के प्रति समर्पित है। इस कार्यक्रम से साफ संकेत मिला कि कांग्रेस अपनी नीति और रणनीति में ओबीसी सामाजिक समूहों की भागीदारी को केंद्र में रखना चाहती है
 
 
 







