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Top 5 profitable village business ideas for women in 2025-गाँव की महिलाओं के लिए टॉप 5 बिज़नेस आइडियाज 

By: विकाश विश्वकर्मा

On: Wednesday, August 6, 2025 6:28 PM

Top 5 profitable village business ideas for women in 2025
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Top 5 profitable village business ideas for women in 2025-हर गाँव में हजारों सपने पंख फैलाते हैं, लेकिन जब कोई महिला अपने हुनर के साथ बिज़नेस की शुरुआत करती है, तो सिर्फ खुद नहीं, पूरे गांव की सामाजिक तस्वीर बदल जाती है। आज सरकारें महिलाओं की ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए न सिर्फ आर्थिक सहयोग, बल्कि ट्रेनिंग और मार्केटिंग जैसी जरूरी मदद भी देती हैं।

Dressing Brief: आर्थिक सर्वे के अनुसार, भारत में हर साल 2-2.5 लाख महिला-नेतृत्वित छोटे व्यवसाय ग्रामीण इलाकों में शुरू होते हैं। इनमें लगभग 15-20% दो साल के भीतर बंद हो जाते हैं, जब कि सफल व्यवसायों की दर 40-45% रहती है।

हस्तशिल्प और आर्टिसनल यूनिट: हुनर का व्यवसाय, सरकार की मदद

Dressing Brief: हर साल सैकड़ों महिलाएं हस्तशिल्प बिज़नेस का सफर शुरू करती हैं, जिनमें से 40% सफल रहती हैं।

Top 5 profitable village business ideas for women in 2025
Top 5 profitable village business ideas for women in 2025

भारत सरकार द्वारा डीएसएमई (Development of Small & Medium Enterprises) व PMEGP (प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम) के अंतर्गत 25-35% तक अनुदान दिया जाता है। साथ ही, राज्य सरकारें भी “मुख्यमंत्री महिला उद्यमिता योजना” जैसी स्कीमों के तहत बीज धन, मुफ्त ट्रेनिंग व मार्केटिंग की सुविधा उपलब्ध कराती हैं। इसके अलावा, TRIFED के माध्यम से ट्राइबल व ग्रामीण महिला हस्तशिल्पियों को उनके उत्पादों के लिए उचित बाजार भी मिलता है।

जैविक खेती और सब्जी उत्पादन: खेती में भी सरकारी साथ

Dressing Brief: जैविक खेती व सब्जी उत्पादन हर दूसरे गांव में महिलाओं द्वारा शुरू किया जा रहा है, 50% व्यवसाय सफल रहते हैं।

Top 5 profitable village business ideas for women in 2025
Top 5 profitable village business ideas for women in 2025

केंद्र सरकार की राष्ट्रीय जैविक खेती मिशन (NPOF) व परम्परागत कृषि विकास योजना (PKVY) के तहत महिलाओं को 20,000 से 50,000 रुपए प्रति एकड़ तक अनुदान मिलता है, जिसमें बीज, जैविक खाद, व किट शामिल हैं। कई राज्यों में किसान उत्पादक संगठन (FPOs) व महिला स्वयं सहायता समूहों को भी अतिरिक्त अनुदान मिलता है। महिला किसान सशक्तिकरण परियोजनाएं उन्हें बिजनेस ट्रेनिंग, ऋण, और फसल का बिक्री नेटवर्क उपलब्ध कराती हैं।

डेयरी और पोल्ट्री फार्मिंग: अनुदान से आत्मनिर्भरता तक

Dressing Brief: करीब 35,000-50,000 महिला-प्रमुख डेयरी व पोल्ट्री व्यवसाय हर साल शुरू होते हैं, जिनमें 40% लंबी अवधि तक टिकते हैं।

Top 5 profitable village business ideas for women in 2025
Top 5 profitable village business ideas for women in 2025

भारत सरकार की राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) व डेयरी एंटरप्रिन्योरशिप डेवलपमेंट स्कीम (DEDS) महिलाओं को पशु खरीद के लिए 33% तक की सब्सिडी और 1 लाख तक का आसान कर्ज देती है। कई राज्य मिल्क कोआपरेटिव्स में मुफ्त पशु चिकित्सा, प्रशिक्षण कैंप और फीड सपोर्ट देते हैं। पोल्ट्री यूनिट्स के लिए सामान्यत: प्रति यूनिट 40,000 से 60,000 रुपए तक का अनुदान मिलता है।

सिलाई-कढ़ाई और रेडीमेड पहनावा: सरकार की सुई से स्वावलंबन

Dressing Brief: साल 2024-25 में 50,000 नए सिलाई-कढ़ाई यूनिट खुले और 20% निरंतर चल रहे हैं।

Top 5 profitable village business ideas for women in 2025
Top 5 profitable village business ideas for women in 2025

सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (MPLADS), राज्य कौशल विकास योजना, और NRLM के तहत महिलाओं को मुफ्त टेलरिंग मशीनें, ट्रेनिंग व 10,000-30,000 रुपए तक का ग्रांट मिलता है। महिला स्वयं सहायता ग्रुप के लिए बैंक से मुद्रा योजना में बिना गारंटी का कर्ज, और सरकार द्वारा 5-7% ब्याज सब्सिडी भी उपलब्ध है। राज्यों के महिला एवं बाल विकास विभाग अलग से किट व इस्पेशल इन्सेंटिव भी उपलब्ध कराते हैं।

मसाले और आचार निर्माण: सरकारी मदद से स्वाद बना कारोबार

Dressing Brief: करीब 25,000 घरेलू मसाले व आचार बिज़नेस हर साल ग्रामीण महिलाओं द्वारा शुरू होते हैं, जिनमें लॉन्ग-टर्म सर्वाइवल रेट 35% है।

Top 5 profitable village business ideas for women in 2025
Top 5 profitable village business ideas for women in 2025

भारत सरकार की SFURTI (Scheme of Fund for Regeneration of Traditional Industries) व खादी ग्रामोद्योग योजना के तहत 50,000 से 2 लाख तक अनुदान, ट्रेनिंग और फूड सेफ्टी सर्टिफिकेशन में सहयोग मिलता है। साथ ही, मुद्रा योजना में ‘शिशु ऋण’ के अंतर्गत मसाला एवं आचार काम के लिए 50,000 रुपए तक आसान कर्ज भी प्राप्त होता है। कई राज्य “महिला गृह उद्योग प्रोत्साहन योजना” के तहत पैकेजिंग, ब्रांडिंग व मार्केट ई-कॉमर्स एक्सेस भी देते हैं।

हर सफल बिज़नेस के पीछे सिर्फ भरोसा या हुनर ही नहीं, बल्कि सरकार की योजनाओं का भरपूर लाभ लेना भी जरूरी है। सरकारी सहायता का ठीक से उपयोग करने से गाँव की महिलाएं आत्मनिर्भर बनने और अपने गाँव को नया मुकाम देने में सबसे आगे दिख रही हैं।

विकाश विश्वकर्मा

नमस्कार! मैं विकाश विश्वकर्मा हूँ, एक फ्रीलांस लेखक और ब्लॉगर। मेरी रुचि विभिन्न विषयों पर लिखने में है, जैसे कि प्रौद्योगिकी, यात्रा, और जीवनशैली। मैं अपने पाठकों को आकर्षक और जानकारीपूर्ण सामग्री प्रदान करने का प्रयास करता हूँ। मेरे लेखन में अनुभव और ज्ञान का मिश्रण होता है, जो पाठकों को नई दृष्टि और विचार प्रदान करता है। मुझे उम्मीद है कि मेरी सामग्री आपके लिए उपयोगी और रोचक होगी।
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