देश की बैंकिंग और वित्तीय संस्थानों को इस हफ्ते एक बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। स्टैंडर्ड एंड पुअर्स (S&P) जैसी प्रमुख रेटिंग एजेंसी ने भारतीय स्टेट बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक लिमिटेड, कोटक महिंद्रा बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन बैंक के साथ-साथ बजाज फाइनेंस, टाटा कैपिटल और एलएंडटी फाइनेंस की लॉन्ग टर्म क्रेडिट रेटिंग बढ़ा दी है।
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‘BBB/Stable/A-2’ स्तर पर पहुंची रेटिंग
इन संस्थानों की लंबी अवधि की क्रेडिट रेटिंग ‘BBB/Stable/A-2’ तक उन्नत की गई है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह क्रेडिट रेटिंग भारत की अर्थव्यवस्था के तेज़ी से बढ़ने और सुधरती परिसंपत्ति गुणवत्ता के कारण हुई है। रेटिंग में बदलाव का अर्थ है कि ये बैंक एवं वित्तीय कंपनियाँ अब ग्लोबल फंडिंग व निवेश के मामले में और भी अधिक विश्वसनीय मानी जाएंगी।
आर्थिक मजबूती और सुधार के संकेत
S&P के अनुसार, भारत की मजबूत आर्थिक नींव एवं संरचनात्मक सुधारों की वजह से यह फैसला लिया गया। एजेंसी ने बताया कि आने वाले 12 से 24 महीनों में ये संस्थान पर्याप्त परिसंपत्ति गुणवत्ता, अच्छी लाभप्रदता और बेहतर पूंजी स्तर बनाए रखेंगे। साथ ही, मौद्रिक नीति अब महंगाई की उम्मीदों को नियंत्रित करने के लिए अधिक अनुकूल हो गई है।
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क्या है ‘BBB’ रेटिंग का महत्व
‘BBB’ रेटिंग उन संस्थानाओं को दी जाती है जिनमें वित्तीय दायित्वों को पूरा करने की पर्याप्त क्षमता होती है, हालांकि जोखिम के मामले में ये नकारात्मक आर्थिक परिवर्तनों के प्रति संवेदनशील होती हैं। S&P के अनुसार, ‘Stable’ आउटलुक का मतलब है कि अगले कुछ वर्षों तक इन संस्थानों की वित्तीय स्थिति में ज्यादा उतार-चढ़ाव की संभावना नहीं है।
विदेशी निवेशकों की बढ़ेगी दिलचस्पी
रेटिंग बढ़ने से देश के बैंक एवं वित्त संस्थान विश्व स्तर पर निवेशकों को अपनी ओर आकर्षित कर सकते हैं। कम उधारी लागत एवं बेहतर मुद्रा दरों का फायदा भी बड़े स्तर पर मिलने की उम्मीद है। विशेषज्ञ मानते हैं कि इससे निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा और भारतीय बैंकिंग सेक्टर को दीर्घकालिक मजबूती मिलेगी।






